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शिल्पी नेहा तिर्की बोलीं, सदन में सरकार को उंगली हम भी दिखाएंगे, राजेश ठाकुर का दावा; कोई नाराज नहीं

द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड में मंत्रिपद पर कांग्रेस विधायकों की नाराजगी पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है। सारे अपने परिवार के सदस्य हैं। उन्होंने नाराज विधायकों को छोटा भाई कहते हुए कहा कि मौजूदा बजट में मेनिफेस्टो में शामिल सारे वादों को शामिल किया जाएगा। इस दौरान पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को लेकर राजेश ठाकुर ने कहा कि उनसे पारिवारिक और राजनीतिक संबंध हैं। हालांकि, 12वें मंत्री के सवाल पर राजेश ठाकुर ने चुप्पी साध ली। गौरतलब है कि नई चंपई सोरेन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 16 फरवरी को हुआ। इसमें कांग्रेस कोटे के पुराने मंत्रियों को ही शपथ दिलाई गई जिसपर पार्टी के 12 विधायकों ने विरोध जताया और दिल्ली चले गए। नाराज विधायकों ने वहां शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात का प्रयास किया। 

12वें मंत्री पर हमारा स्वाभाविक हक- राजेश कच्छप
इधर, विधायकों की नाराजगी के सवाल पर पार्टी के खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि 12वें मंत्री पर कांग्रेस पार्टी का स्वाभाविक हक है। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा मंत्री अपना आचरण सुधार लें और लोगों का काम होने लगे तो कोई दिक्कत नहीं है। हमारी नाराजगी भी नहीं रहेगी। बता दें कि पार्टी के नाराज विधायकों में राजेश कच्छप का नाम भी उल्लेखनीय है। राजेश कच्छप ने शपथ ग्रहण वाले दिन नाराजगी के सवाल पर कहा था कि मंत्री उनका फोन नहीं उठाते। उनसे मुलाकात करना चाहो तो उपलब्धता आसान नहीं होती। हम मंत्रियों के क्षेत्र का काम नहीं करा पाते और फिर जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाता है।

 

शिल्पी नेहा तिर्की ने उठाई मेनिफेस्टो की बात
इस बीच नाराज विधायकों में शामिल शिल्पी नेहा तिर्की ने दिल्ली नहीं जाने के सवाल पर कहा कि पिछले दिनों ओलावृष्टि से उनके विधानसभा क्षेत्र में किसानों को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि मैं भले ही दिल्ली नहीं गई लेकिन अपने साथियों के साथ मजबूती से खड़ी हूं। मैंने अपना हस्ताक्षर युक्त समर्थन पत्र भी उन्हें सौंपा है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में पार्टी ने घोषणापत्र में जो वादा किया था, वह बजट में आना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो सदन में हम भी सरकार को उंगली दिखाएंगे। वहीं, महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यदि मंत्रियों के आचरण में सुधार हो जाता है और हमारे प्रखंड एवं जिलाध्यक्षों का काम हो जाता है तो फिर दिक्कत नहीं है। 
 

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