रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है। चुनाव आयोग ने झारखंड में राजभवन को अपना परामर्श भेज दिया है। सिलबंद लिफाफे में आयोग ने राज्यपाल को अपना फैसला भेजा है। राज्यपाल कभी भी इसका ऐलान कर सकते हैं। इस बीच झारखंड की सियासत को लेकर कयासों का दौर जारी है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द कर दी गई है। चर्चा ये भी है कि मुख्यमंत्री के अगले 3 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। इस सियासी गहमा-गहमी के बीच सरकार में सहयोगी कांग्रेस पार्टी भी खासी एक्टिव हो गई है।
सभी विधायकों को रांची पहुंचने का मिला निर्देश
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड में जारी सियासी गहमा-गहमी और कयासों के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को अविलंब रांची पहुंचने को कहा है। खबरें हैं कि कुछ विधायक तो पहले से ही राजधानी में थे। जो लोग अपने विधानसभा क्षेत्र अथवा अन्यत्र कहीं थे, वे रांची की ओर कूच कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की ओऱ से ये निर्देश जारी किया गया था। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज ही अपने कार्यकाल का 1 साल पूरा किया है।
बता दें कि झारखंड विधानसभा में फिलहाल कांग्रेस के 18 विधायक हैं, हालांकि अभी पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव को पार्टी विधायक के रूप में मान्यता नहीं मिली है। 3 विधायक (डॉ. इरफान अंसारी, नमन बिक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप) कोलकाता में हैं जहां वे फिलहाल कैश कांड मामले में जमानत पर बाहर हैं लेकिन रांची नहीं आ सकते।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी बुलाई विधायकों की बैठक!
राजनीतिक सरगर्मी के बीच दूसरी तरफ, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी विधायकों की अहम बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों और मंत्रियों का जुटान हो रहा है। मंत्री जगरन्नाथ महतो, मिथिलेश ठाकुर, कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम सहित कई विधायक और कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वहां भविष्य की रणनीति पर मंत्रणा हो रही है।