द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में भाजपा का उल्टा काउंटडाउन शुरू हो गया है। झारखंड की सत्ता पाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के चाणक्य गृह मंत्री अमित शाह की उम्मीद चुनाव के पहले चरण में ही धूल में मिल जाएगी, इसका आभास झारखंड भाजपा नेताओं को हो चुका है। उक्त बयान जारी कर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि विगत चार महीनो से झारखंड को नफरत की आग में जलाकर,आदिवासी-मुस्लिम को भड़काकर,झूठे मुद्दे उठाकर, झारखंड में सत्ता पर काबिज होने का सपना देखने वाले भाजपा के नेताओं को झारखंड वासियों ने चुनावी अभियान के दौरान ही चुनाव परिणाम का एहसास करा दिया है। भाजपा की सत्तालोलुपता इस कदर बढ़ गई है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह को उस आरोपी के लिए वोट मांगना पड़ रहा है जो कभी उनकी सरकार में सहयोगी के रूप में मंत्री पद संभाल रहे स्वर्गीय रमेश सिंह मुंडा के ही हत्या का आरोपी है।राजनीतिक शुचिता और भ्रष्टाचार पर दूसरों को ज्ञान देने वाले अमित शाह, योगी आदित्यनाथ,हिमंता बिस्वा सरमा जैसे लोगों की असलियत पूरे चुनावी अभियान के दौरान जनता के सामने आ चुकी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के वादों और महागठबंधन के इरादों को लोगों ने तौल कर देख लिया है और निश्चित रूप से महागठबंधन के विकास का पलड़ा एनडीए के सांप्रदायिक भड़काऊ पलड़े से भारी है।झारखंडियों ने कई सवालों के जवाब भाजपा से जानने चाहे लेकिन झारखंड वासियों के सवालों के जवाब भाजपा के पास नहीं है।जनता ने सरना धर्म कोड के बारे में जानना चाहा, जानना चाहा कि बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में पिछड़ो का आरक्षण 27% से14% क्यों किया गया, वन अधिकार कानून में बदलाव, 22 लाख एकड़ सामुदायिक जमीनों का लैंड बैंक क्यों बनाया गया, भाजपा के बहुमत के 5 वर्षों के शासनकाल में महिलाओं,दलितों किसानों पर अत्याचार में बढ़ोतरी क्यों,झारखंड के आर्थिक विकास हेतु केंद्र सरकार का असहयोगात्मक रवैया क्यों और जनमत से चुनी महागठबंधन सरकार को अपदस्थ करने की कोशिश कर साजिशन आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल क्यों भेजा गया।उन्होंने आगे कहा कि मईंया सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना,200 यूनिट तक बिजली बिल माफी,किसानों का ₹200000 तक का ऋण माफी, अबूआ आवास योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी योजना, स्टूडेंट क्रेडिट योजना तथा जल सहिया,बीआरपी सीआरपी,सहायक पुलिसकर्मी, पारा शिक्षक,मनरेगा कर्मी की मजदूरी में वृद्धि से राज्य के लोगों में महागठबंधन सरकार के प्रति विश्वास है और इसी वजह से झारखंड के विकास और लोगों के आर्थिक समृद्धि के लिए जनता पुनः सरकार की दोबारा वापसी करेगी।