द फॉलोअप डेस्कः
30 मई को मोदी सरकार के नौ साल पूरे हो जाएंगे। एक तरफ भाजपा जहां 9 साल की उपलब्धियों को गिना रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस खमियां गिना रही है। कांग्रेस ने 9 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार से अर्थव्यवस्था, कृषि और किसान, भ्रष्टाचार / मित्रवाद, चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक संस्थाएं, जनकल्याण की योजनाएं, कोरोना मिसमैनेजमेंट को लेकर 9 सवाल पूछे हैं।
1. अर्थव्यवस्था
ऐसा क्यों है कि देश में महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही है? क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और ग़रीब और गरीब सार्वजनिक संपतियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों देखा जा रहा है? आर्थिक विषमताएं क्यों बढ़ रही हैं?
2014 के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से 70 डॉलर प्रति बैरल गिर गई है। युवा बेरोजगारी 30-40% तक बढ़ गई है, वहीं गरीबों के लिए वेतन वृद्धि निगेटिव रही है। यह एक विनाशकारी रिकॉर्ड है। नोटबंदी और जीएसटी ने काले धन को तो खत्म नहीं किया उल्टा छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया। हाल ही में घोषित नोटबंदी 2.0 ने आपकी सरकार के बेरहम दृष्टिकोण की याद को ताजा कर दिया है।
2. कृषि और किसान
ऐसा क्यों है कि काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है? MSP की गारंटी क्यों नहीं दी गई? पिछले 9 सालों में भी किसानों की आय क्यों दोगुनी नही हुई? कृषि को अपने चुने हुए मित्रों के हवाले करने के आपके प्रयास को एक व्यापक किसान आंदोलन ने विफल कर दिया। फिर भी आपकी सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य निर्धारण के लिए किसानों की प्रमुख मांग को ठुकरा रही है। एक किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि कृषि वस्तुओं पर जीएसटी ने हमारे अन्नदाताओं पर बोझ और बढ़ा दिया है। साथ ही उर्वरक जैसी वस्तुओं पर सब्सिडी में भी कटौती की गई है।
3. भ्रष्टाचार / मित्रवाद
ऐसा क्यों है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए LIC और SBI में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया? आप चोरों को क्यों भागने दे रहे हैं? आप भाजपा शासित राज्यों में हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है और क्यों देशवासियों को कष्ट झेलने को मजबूर कर रहे हैं?
मोदानी मेगास्कैम से सामने आया कि कैसे एलआईसी और एसबीआई जैसी राष्ट्रीय संपत्ति अडानी जैसी जोखिम भरी कंपनियों में निवेश करने और उसे ऋण देने के लिए करोड़ों पॉलिसीधारकों और जमाकर्ताओं की बचत को जोखिम में डाल रही है। अडानी का एकाधिकार बिजली और उड़ानों के लिए उच्च कीमतों में योगदान दे रहा है। रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एकाधिकार महंगाई को बढ़ा रहा है। इस बीच, आपके करीबी डिफॉल्टर्स और स्कैमर्स को उनकी चोरी की संपत्ति के साथ भागने की अनुमति दी जाती है और जो लोग आपकी पार्टी में शामिल होते हैं, उन्हें मोदी वाशिंग मशीन द्वारा साफ किया जाता है।
4. चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा
ऐसा क्यों है कि चीन को लाल आँख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने उसे 2020 में क्लीन चिट दे दी, जबकि वह आज भी हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है? चीन के साथ 18 बैठक हुई हैं, फिर भी वह क्यों आक्रमक रवैया अपनाते हुए हमारी पवित्र भूमि से वापस नहीं जा है?
2020 से चीन द्वारा नियंत्रित 1,500 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर आपकी चुप्पी राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर आपकी विफलता को बयां करती है। यहां तक कि जब चीन अधिक आक्रामक हो रहा है और हमारी संप्रभुता, को लेकर अनुचित मांग रखता है, तब भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है आपकी सरकार के सत्ता में आने के नौ साल बाद भी कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नहीं है। रक्षा खर्च कई दशकों के निचले स्तर पर है। ये कारण अलोकप्रिय अग्निपथ योजना जैसे विनाशकारी कदमों की ओर ले जाते हैं, जो प्रशिक्षण मानकों को कम करके और यूनिट की एकता को ख़तरे में डालते हैं। साथ ही इससे हमारे सशस्त्र बलों को कमजोर होने का जोखिम रहता है।
5. सामाजिक सद्भाव
ऐसा क्यों है कि आप चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे है
नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर ने धर्म के आधार पर भेदभाव करने की कोशिश की, भले ही सभी धर्मों के नागरिकों ने प्रशासनिक गड़बड़ी की कीमत चुकानी पड़ी हो आपकी पार्टी के सदस्यों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कमजोर वर्गों के खिलाफ हिंसा को भड़काया। इससे कारण 2014 के बाद से नफ़रत से संबंधित अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। आप चुनावी लाभ के लिए विभाजन को प्रोत्साहित करते हैं और हिंसा की उन घटनाओं पर अक्सर चुप रहते हैं, जो उग्र हो जाती हैं। दिल्ली, मणिपुर और अन्य स्थानों पर हिंसा के मामलों में आपने ऐसा ही किया।
6. सामाजिक न्याय
ऐसा क्यों है कि आपकी दमनकारी सरकार सामाजिक न्याय की नींव को ध्वस्त कर रही है? महिलाओं, दलितों, SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रहे अत्याचारों पर आप चुप क्यों है? जाति जनगणना की मांग को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
2014 के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचारों में 23% की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े दलितों के प्रति आपके प्रेम को दिखाने के लिए काफी है। जातिगत जनगणना या 2011 की सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने से इंकार करना दर्शाता है कि आप ओबीसी सशक्तिकरण को लेकर कितने गंभीर हैं। वन अधिकार अधिनियम को कमजोर करना आदिवासी समुदाय के प्रति आपकी संवेदनहीनता को दिखाता है। आपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बहुत जरूरी छात्रवृति कम कर दी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2013 में 3.1 लाख से बढ़कर 2021 में 4.2 लाख हो गए हैं।
7. लोकतांत्रिक संस्थाएं
ऐसा क्यों है कि पिछले 9 सालों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है? विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई क्यों की जा रही है? क्यों जनता द्वारा चुनी हुई विपक्षी दलों की कई सरकारें गिराई गई?
अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में धन-बल का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को गिराना लोकतंत्र के प्रति आपके सम्मान को दर्शाता है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। 2014 के बाद से सीबीआई और ईडी के 95% मामले उन राजनेताओं के खिलाफ हैं, जो विपक्षी दलों के हैं। जब से आप प्रधान मंत्री बने हैं, संसद की बैठक के दिन लगातार कम हो रहे हैं, जैसे जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब विधानसभा की बैठक भी कम होती थी।
8. जनकल्याण की योजनाएं
ऐसा क्यों है कि बजट में कटौती करके मनरेगा जैसी जन कल्याण की योजनाओं को कमजोर किया गया? गरीब, आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है?
COVID-19 महामारी के दौरान देश के ग़रीबों को राहत देने में मनरेगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, आपने कभी भी यूपीए के समय की इन महत्वपूर्ण योजनाओं पर भरोसा नहीं जताया। यहां तक आपने संसद में मनरेगा का मजाक भी उड़ाया। क्या इसीलिए आपने मनरेगा के आवंटन में कटौती की है और काम के दिनों की संख्या कम कर दी है? आपकी बहुचर्चित उज्ज्वला योजना विफल रही है क्योंकि बहुत कम लोग 1,103 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से रसोई गैस खरीद पा रहे हैं। हाल के वर्षों में बच्चों के कुपोषण में वृद्धि हुई है और खुले में शौच मुक्त जिलों के दावे स्पष्ट रूप से वास्तविकताओं से बहुत दूर हैं।
9. कोरोना मिसमैनेजमेंट
ऐसा क्यों है कि कोरोना के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गयार क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घर जाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया.आपकी सरकार ने कोविड-19 को लेकर श्री राहुल गांधी की शुरुआती चेतावनियों को नजरअंदाज किया। फिर जब हालात बिगड़े तब दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। जिससे हमारी तिमाही जीडीपी 21% गिर गई और एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया। 4 करोड़ प्रवासी श्रमिक भाई बहन सड़कों पर आ गए। पहली लहर के बाद समय से पहले ही जीत की घोषणा कर दी गई। इस वजह से विनाशकारी दूसरी लहर के लिए ठीक से तैयारी नहीं हुई और भारत गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। WHO के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाइयों और हॉस्पिटल बेड्स की कमी के कारण भारत में COVID-19 से सबसे अधिक 47 लाख लोगों की मौत हुई है। इस बीच आपकी सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी की यह दावा किया गया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। साथ ही ये भी कहा गया कि इसकी कोई जानकारी नहीं है कि महामारी में कितने प्रवासी, पुलिस कर्मी और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स मारे गए।