डेस्क:
बरही प्रखंड के एक स्कूल में पारा शिक्षक रहे स्वर्गीय अशोक पंडित का आकस्मिक निधन हो गया। सोमवार को संगठन की तरफ दिवंगत अशोक पंडित के परिजनों को आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही ढाढ़ंस बंधाया कि संगठन हमेशा परिवार के सुख-दुख में साथ रहेगा।
प्रखंड के सभी पारा शइक्षक अशोक पंडित के आकस्मिक निधन से काफी मर्माहत हैं। गौरतलब है कि अशोक पंडित नव प्राथमिक विद्यालय करगईयो बरही में कार्यरत थे। वे अपने पीछे बूढ़े मां-बाप के असलावा 2 बेटी और 1 बेटा छोड़ गये हैं।
अशोक पंडित के आकस्मिक निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
राज्य सरकार ने हमारी चिंता नहीं की!
राज्य कमिटी सदस्य संजय कुमार दुबे ने कहा राज्य के पारा शिक्षक सभी कामों में सहयोग करते हैं परंतु आज तक राज्य सरकार ने हम लोगों के भविष्य और परिजनों के बारे में कभी नहीं सोचा। आज राज्य में नई सरकार बनने से एक आशा की किरण जगी है। नियमावली भी बनाई गई है। अनुकंपा के आधार पर नौकरी की बात तो कही गई है लेकिन अभी तक उस दिशा में सार्थक पहल नहीं की गई है।
शिक्षा मंत्री से अपील है कि बिंदु पर अविलंब विचार करें। पत्र जल्द से जल्द निर्गत कराया जाए ताकि पीड़ित परिजन को इसका लाभ प्राप्त हो सके। कहा कि जब-जब सरकार बनती है सहायक अध्यापकों को केवल छलावा और आश्वासन ही मिलता है। सहायक अध्यापक इस बात से काफी मर्माहत हैं।
संगठन दायित्वों का निर्वहन करता रहेगा
साथी पारा शिक्षकों ने कहा कि सरकार की उदासीनता की वजह से एक पारा शिक्षक का निधन हो गया। सरकार की तरफ से परिजनों को आर्थिक सहायता नहीं दी गई। यदि वक्त रहते शिक्षक कल्याण कोष का गठन किया गया होता। ईपीएफ से जोड़ा गया होता तो अल्प मानदेय-भोगी सहायक अध्यापकों के परिजनों को दुख की घड़ी में भविष्य के प्रति अनिश्चित नहीं होना पड़ता।
फिलहाल, बरही प्रखंड के सभी सहायक अध्यापकों ने अपने स्तर से 2 लाख 70 हजार 100 रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को दी है। जब तक सरकार कोई पहल नहीं करती, संगठन अपने दायित्व का निर्वहन करेगा।