द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज बोकारो में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। यहां सीएम ने अपने संबोधन कहा कि आपकी योजना लेकर आपका अधिकार लेकर पिछले 3 साल से गांव, टोला में सरकार घूम रही है। वैसे तो इस कार्यक्रम को बारे में आप सबको मालूम है। 24 नवंबर से सरकार पंचायत, गांव, टोला शिविर लगा रही है। पदाधिकारी पहुंच रहे हैं। आपको योजना की जानकारी दी जा रही है। हर योजना का स्टॉल लगा हुआ है। हमने सरकार बनने से पहले भी आपसे वादा किया था कि ये सरकार दिल्ली रांची और एयरकंडिसन कमरे में बैठकर नहीं चलेगा। बल्कि गांव-गांव को लोगों के बीच पहुंचकर काम करेगा। सरकार बनते ही कोरोना महामारी आ गया। सबकुछ बंद हो गया। लगभग डेढ़ साल तक कोरोना ने ही हमारा खा लिया। जैसे ही महामारी खत्म हुई हमने तेजी से काम करने शुरू किया। हमलोग आपके गांव दरवाजे पर पहुंच कर योजना की गठरी लेकर पहुंचे। पहले शिविर में 35 लाख, दूसरे में 55 लाख आवेदन मिला। इस चरण में देखना है कि कितना आवेदन आता है। पिछली सरकार ने कोई काम नहीं किया। अधिकारी आपकी नहीं उनकी सेवा में लगे थे। लेकिन जैसी ही हमारी सरकार आई हमने ब्लॉक में बैठने वाले अधिकारियों को आपकी योजना की गठरी थमाकर आपके द्वार पर भेज दिया। हमने सूचीबद्ध करने काम करना शुरू किया। हम सबसे पहले पेंशन योजना लेकर आए और सबको पेंशन दिया। हमने 20 लाख किसानों को केसीसी कार्ड से जोड़ा।
विपक्ष आपको गुमराह करेगी
विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि आज इनके पंचायत में शिविर लगा है। लेकिन ये आएंगे नहीं बल्कि दूर से गुमराह करने की कोशिश करेंगे। इन्हें सिर्फ कहना है सरकार ने कुछ नहीं किया। अगर मैं गिनवाने पर आ जाऊं तो ये लोग नोट भी नहीं कर पाएंगे। जब राज्य अलग हुआ तो सरप्लस बजट पेश होता था। लेकिन 20 सालों में सरकार घाटे का बजट पेश करती है। कहां गया पैसा। हमारे विपक्षियों ने 20 सालों में पूरा पैसा डकार लिया। हमने कोरोना, सुखाड़ देखा। कोरोना के दौरान हमने हमारे मजदूरों को विदेशों से हवाई जहाज में वापस लाया। हमने अपने दो मंत्रियों को इस दौरान खो दिया। ये हमारा सफऱ है। इस चुनौती भरे वक्त में भी, कुछ वर्षों का बाद यह युवा राज्य होगा। 25 साल में इस राज्य में इतनी ताकत होने थी कि इस राज्य को इस राज्य के कंधे पर अपनी जिम्मेदारी उठाने की हिम्मत होनी चाहिए। लेकिन पूववर्ती सरकारों ने इसकी हालत बत्तर कर दी।
पढ़ाई के लिए सरकार उठाएगी आपकी जिम्मेदारी
8 लाख कि बच्चियों को हमने सावित्रीबाई फूले योजना से जोड़ा। जो आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं उसका पूरा खर्चा सरकार उठा रही है। बाद में आपकी नौकरी लगने के बाद थोड़ा-थोड़ा करके हम वापस ले रहे हैं। जो विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं उनको भी सरकार अपने पैसे से विदेश भेजकर पढ़ा रही है। अब महीना पूरा होने से पहले पेंशन मिलता है। हमारी सरकार ने छात्रों के लिए विदेश तक भेजा। सरकार बच्चों को जो 12वीं क्लास से पढ़ने के लिए जो अनुदान देती थी उसे 60 हजार से 1 लाख कर दिया गया है। अगर उससे भी ज्यादा पढ़ाई करनी है तो हम गुरुजी केडिट कार्ड दे रहे है। आप उससे 5 लाख, 10 लाख लोन ले सकते है। इसके लिए गैरांटर भी रखने की जरुरत नहीं है। सरकार आपकी गैरंटी लेगी। नौकरी लगने पर आप सरकार को वापस पैसे करेंगे। मौसम को घ्यान में रखते हुए हमने किसानों के लिए कई तरह से योजना की शुरुआत की है। पहले की सरकार ने 11 लाख राशन कार्ड कैंसिल कर दिया। हमने 20 लाख अतिरिक्त राशन कार्ड दिया। हम 1 किलो आपको दाल भी देंगे। लाखों लोगों को घर नहीं मिला। केंद्र से हमने कहा कि हमारे यहां गरीबों के पास घर की कमी है। तो सरकार ने हाथ खींच लिया। घर बनाने के लिए पैसा नहीं दिया। इसलिए हमने अपनी ताकत पर घर देने का फैसला किया है। पीएम आवास की तरह मुर्गीखाना नहीं देंगे। हम अबुआ आवास के दौरान आवेदन बहुत ज्यादा आएगा। लेकिन उसकी चिंता आप नहीं करे। जो भी इसके लायक होगा उसको मिलेगा।
हम युवाओं को बना रहे हुनरमंद
हमने बच्चों की उज्जवल भविष्य के लिए उत्कृष्ट विद्यालय बनवाया है। 80 विद्यालय बन गए है। ये स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर होंगे। यहां गरीब के बच्चे मुफ्त में पढ़ाई करेंगे। ऐसे 5 हजार स्कूल और खोलने हैं। हमारे राज्य के नौजवानों के लिए अभी और नियुक्तियां निकालने वाले है। 40-50 हजार और नियुक्तियां होनी है। हमारी सरकारी प्राइवेट दोनों तरीकों से रोजगार देने की कोशिश कर रहे हैं। हम ट्रेनिंग देकर बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी दे रहे हैं। युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए हमने ट्रेनिंग सेंटर, जो पहले जिला स्तर पर ही होता था, उसे प्रखंड स्तर पर खोलने का काम किया है। खतियान के आधार पर हमने स्थानीय नीति बनने के काम लिया तो विपक्ष ने कोर्ट-कचहरी करके उसे फंसा दिया। लेकिन हम रुकेंगे नहीं लगे रहेंगे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि आज इनके पंचायत में शिविर लगा है। लेकिन ये आएंगे नहीं बल्कि दूर से गुमराह करने की कोशिश करेंगे। इन्हें सिर्फ कहना है सरकार ने कुछ नहीं किया। अगर मैं गिनवाने पर आ जाऊं तो ये लोग नोट भी नहीं कर पाएंगे।