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50 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में हर माह भेजी जा रही मंईयां सम्मान की राशि – चंदनक्यारी में बोले हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्क
आज सीएम हेमंत सोरेन ने चंदनक्यारी में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में कोरोना काल का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि हमने 2019 में सरकार बनायी, लेकिन दुर्भाग्य के साथ 2019 में ही कोरोना जैसी महामारी आ गयी। इसके कारण हमारा दो से ढाई साल का समय बीत गया। लेकिन फिर भी पिछले 5 साल में हम लोगों ने झारखंड के आदिवासी, गरीब भाई-बहनों के लिए जान की बाजी लगाकर काम किया है। जिस तरह हमने कोरोना का काम किया, उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना से बहुत कम लोगों की मौत हुई। कोरोना जैसी महामारी में जब केंद्र सरकार ने बिना देश के लोगों को जानकारी दिये लॉक डाउन लगा दिया। तब हाट-बाजार, काम-धाम, फैक्टरी-ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सभी बंद कर दिया। इस दौरान हमारे कई नाते-रिश्तेदार घूमने, काम करने और पढ़ने के लिए दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे अलग-अलग राज्यों में गए हुए थे। लॉकडाउन में कोई वापस नहीं आ सकता था, लेकिन मैंने यानी आपके भाई ने सभी को हवाई जहाज से लाकर उनके घर पहुंचाया। कोरोना में राज्य को बचाने के लिए हाजी हुसैन अंसारी और जगन्न्थ महतो को अपनी जान गंवानी पड़ी, तब राज्य सुरक्षित हो पाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय महिलाओं ने गांव-गांव में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना चलाकर गरीब भूखे लोगों को खाना खिलाने का काम किया था। तभी मैंने संकल्प लिया था कि राज्य की आधी आबादी यानी महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का काम करूंगा। आज उसी के तहत हमने मुख्यमंत्री मंईयां योजना लायी। इस योजना के तहत राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में हर महीना 1000 रूपया जा रहा है। आप फिर से आदिवासी- मूलवासी की सरकार बनाइए। हम वादा करते हैं 5 साल के अंदर आपके खाते में 1 लाख रूपया पहुंचा देंगे। आपके खाते में जो 1 हजार रूपया जा रहा है, वो दिसंबर महीने में बढ़कर 2500 रूपया होने जा रहा है। सीएम ने अपने संबोधन में बताया कि हमारे गांव के लोग इतने गरीब हैं कि वो छोटी-छोटी बातें, जिनमें बच्चों के स्कूल की फीस, बिजली बिल जैसी चीजें शामिल हैं।  उनके लिए महाजनों से उधार-कर्जा लेते हैं और कर्जा नहीं चुका पाते हैं, तो अपना गहना और साइकिल गिरवी रखते हैं। ऐसे में वो बहुत तकलीफ में रहते हैं। इसलिए हमने इस राज्य के सभी गरीबों के बिजली बिल को माफ करने का काम किया है। क्या 20 साल में भाजपा ने राज्य के इतने लोगों का बोझ कभी कम किया है। भाजपा के राज्य में यही होता है कि अगर बिल नहीं चुकाया, तो जेल की हवा खाओ। आपको हम आश्वस्त करते हैं कि सरकार बनने पर जितने भी लोगों पर बिजली का केस चल रहा है। सभी केस को वापस कर लिया जाएगा। अब आपके पास बिजली 24 घंटे आएगी, पर बिजली का बिल कभी नहीं आएगा। क्योंकि हमलोगों ने 200 यूनिट बिजली बिल फ्री कर दिया है। आज व्यापारियों की जमात, आदिवासी-दलित-पिछड़ा-अल्पसंख्यक समुदाय के साथ राजनीति करने में लगा हुआ है। ये लोग चुनाव में नजर आ रहे हैं, लेकिन चुनाव के बाद कभी नहीं नजर आएंगे। 

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