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खनन पट्टा लीज को लेकर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सामने 14 जुलाई को अपना पक्ष रखेंगे। मंगलवार को चुनाव आयोग में इस मामले में सुनवाई हुई। मिली जानकारी के मुताबिक साढ़े 3 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चली सुनवाई के बाद आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 14 जुलाई तक का समय दिया।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अलग-अलग कारणों की वजह से चुनाव आयोग से समय लेते आए हैं। हालांकि, आज समय मांगे जाने पर आयोग ने नाराजगी जाहिर की थी।
मंगलवार को आयोग ने की सुनवाई
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई हुई। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अधिवक्ता मनिंदर सिंह और सिद्धार्थ दवे ने पक्ष रखा। वहीं सीएम की तरफ से मीनाक्षी अरोड़ा और मेन्द्री दत्ता ने पक्ष रखा। CM के अधिवक्ता ने फिर समय की मांग की जिसपर EC ने नाराजगी जाहिर की थी। आयोग ने अब 14 जुलाई को पक्ष रखने को कहा है।
मामले में टिकी हैं पूरे राज्य की निगाहें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं। इससे पहले भी हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए 2 बार समय दिया जा चुका है। इससे पहले हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी मां की तबीयत का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी। जिसके बाद 20 मई तक उन्हें जवाब देने का समय चुनाव आयोग ने दिया था।
मुख्यमंत्री ने पिछली बार भी मांगा था समय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दे दिया गया और कहा गया कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है। इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को आयोग के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था। इस बार हेमंत सोरेन के द्वारा अपने वकील की तबीयत का हवाला देते हुए समय की मांग की गई उसे भी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है और अगली तारीख 28 जून को निर्धारित की गई थी।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर लगाया था आरोप
दरअसल बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में खनन पट्टा का लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी। राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा लेने का आरोप लगाया था।
राजभवन ने आयोग से मांगा था मंतव्य
राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था। जिसके बाद आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाई। मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई कर रहा है।