रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में संबंधित मंत्रालय के मंत्री सहित वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे ये सुनिश्चित करें कि किसी घटना विशेष में पीड़ित अथवा पीड़िता का नाम एवं पहचान सार्वजनिक ना हो। इस दिशा में गाइडलाइन बनाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी इसका उल्लंघन करता पाया गया, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इसका ध्यान रखें।
पीड़िता की पहचान को लेकर सीएम का निर्देश अहम
किसी भी घटना में पीड़ित अथवा पीड़िता का नाम और पहचान सार्वजनिक ना करने को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया निर्देश काफी अहम है। दरअसल, हालिया कुछ घटनाओं में इसका उल्लंघन किया गया। दुमका में जलाकर मार दी गई 16 वर्षीय नाबालिग की पहचान उजागर हो गई। पीड़िता का नाम सामने आया। उसकी निजी तस्वीरें सोशल मीडिया में धड़ल्ले से शेयर की गईं।
यही नहीं, चतरा में एसिड अटैक पीड़िता की पहचान भी सार्वजनिक हो गई। दुमका में ही दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में पीड़िता की पहचान उजागर हो गई।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश है कि छेड़छाड़, एसिड अटैक या दुष्कर्म जैसी वारदातों में पीड़िता की पहचान उजागर ना हो। गोपनीयता बरकरार रखी जाए लेकिन इसका उल्लंघन होता है।
मीडिया द्वारा दिखाई गई समस्याओं को संज्ञान में लें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारियों को प्रति माह 5 तारीख तक पेंशन का भुगतान हो जाना चाहिए। उन्होंने पेंशन-धारियों के सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाने का भी निर्देश दिया। सीएम हेमंत ने अधिकारियों को सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा बच्चियों को लाभ देने के लिए पोस्ट पहले करने का निर्देश दिया।
सीएम ने ये भी कहा कि यदि मीडिया द्वारा किसी क्षेत्र की समस्या को प्रकाशित अथवा प्रसारित किया जाता है तो उसे तुरंत संज्ञान में लें। पूरे मामले की छानबीन करें और उसका समाधान करें।
एनीमिया और कुपोषण की आधुनिक तकनीक से जांच कराने की पहल सुनिश्चित करने के निर्देश। इसे ग्राम स्तर पर सुनिश्चित किया जाए।