रांची
सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में आज राज्य में विधि व्यवस्था का संधारण एवं अपराध नियंत्रण, अवैध माइनिंग पर रोक, मादक पदार्थ पर नकेल कसने एवं साइबर क्राइम पर लगाम लगाने से संबंधित एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से राज्य में विधि व्यवस्था, अवैध माइनिंग पर रोक तथा विभिन्न प्रकार के अपराध नियंत्रण को लेकर की जा रही कार्रवाई की विस्तृत जानकारी रखी गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में बेहतर विधि व्यवस्था का संधारण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुनियोजित अपराध को रोकने के लिए पुलिस एक प्रभावशाली प्लान तैयार कर चिन्हित अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम तभी रुकेगा जब स्ट्रांग पुलिसिंग का डर अपराधियों के भीतर दिखाई दे। पुलिस का भय अपराध करने वालों में होना आवश्यक है।
अवैध मादक पदार्थों के कारोबार की रोकथाम के लिए व्यापक अभियान चलाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस राज्य में अवैध मादक पदार्थों के कारोबार की रोकथाम के लिए व्यापक विशेष अभियान चलाकर लोगों को कानून की जानकारी दें। शहरी एवं ग्रामीण सभी जगहों के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के विषय पर जानकारी दें। जागरूकता से ही मादक पदार्थ के सेवन में कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए प्लान के साथ आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कई वर्षों से पुलिस ने अभियान चलाकर हजारों एकड़ में अफीम की तैयार फसल नष्ट भी की है, लेकिन इसके बावजूद वन भूमि में अफीम के धंधे को पूरी तरह रोक पाना मुमकिन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ बेहतर समन्वय बना कर वनभूमि में हो रही अफीम की खेती को जड़ से नष्ट करें तथा यह सुनिश्चित करें कि वैसी जगहों पर दोबारा नशीले पदार्थों की खेती न हो।
अफीम की खेती से संबंधित क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी तय करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला पुलिस-प्रशासन की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार कर नशीले पदार्थ की खेती करने पर मिलने वाली सजा की जानकारी दें। अफीम सहित किसी भी प्रकार की नशीले पदार्थ की खेती और कारोबार कानूनन जुर्म है। इस जुर्म में पुलिस की ओर से की जानेवाली कठोर कार्रवाई और कानूनन दी जाने वाली सजा के बारे में लोगों को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि अफीम की खेती से प्रभावित क्षेत्रों में संबंधित थाना प्रभारी, चौकिदार, वनकर्मी की जिम्मेदारी तय करें। वैसे कर्मी जो अपने जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक नही कर रहे हैं उनपर कार्रवाई सुनिश्चित करें। बैठक में Money Trail के बिन्दू पर अनुसंधान करने तथा मुख्य प्रभावित जिलों में Pre-Cultivation Drive चलाने पर विस्तृत चर्चा की गई।
साइबर अपराध चुनौती, स्ट्रांग सेटअप तैयार करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध पर रोक लगा पाना चुनौती साबित हो रही है। मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस अधिकारियों ने झारखंड साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित करने की आवश्यकता के संबंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए स्ट्रांग सेटअप तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी जल्द से जल्द टेक्निकल सेल का गठन कर टेक्निकल ऑफिसर की तैनाती करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर साइबर अपराध को कम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस पदाधिकारियों ने जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि 'प्रतिबिंब एप्प' के जरिए 330 साइबर अपराधियों पर एफआईआर दर्ज कराए गए हैं, 1281 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है वहीं 3493 सिम कार्ड एवं 2524 मोबाइल जप्त किए गए हैं।
अवैध माइनिंग पर हर हाल में लगे रोक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में अवैध माइनिंग गतिविधियों पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। किसी भी प्रकार का अवैध माइनिंग स्वीकार्य नहीं है। अवैध माइनिंग की वजह से राज्य की छवि धूमिल होती है। नदियों से अवैध बालू उठाव पर भी हर हाल में रोक लगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भीतर नदियों का अस्तित्व खतरे में है। अब नदियों से बालू की जगह मिट्टी भी उठाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध माइनिंग पर विशेष कार्य योजना बनाकर रोक लगाना सुनिश्चित करें।
अग्निशमन सेवा को सुदृढ़ करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के भीतर अग्निशमन सेवा को सुदृढ़ करते हुए नागरिकों की सेवा के साथ जोड़ा जाए। पुलिस के लिए वाहन एवं हथियार आदि का क्रय शीघ्र करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेल में कैदियों को दिए जाने वाले भोजन चिकित्सा सुविधा सहित अन्य सुविधाओं की समीक्षा की जाए, जरूरत के अनुसार बजट बढ़ाने पर विचार की जाए। कैदियों को कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए सरकारी अधिवक्ता की सुविधा दी जाए।
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव मती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह विभाग मती वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक पुलिस हाउसिंग अजय कुमार सिंह, डीजी हेड क्वार्टर आर०के० मल्लिक, डीजी होमगार्ड अनिल पालटा, एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर, आईजी ऑपरेशन ए०वी० होमकर, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज, आईजी प्रोविजन पंकज कंबोज, आईजी कारा सुदर्शन मंडल, आईजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार, एसपी एटीएस ऋषभ सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।