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अग्निपथ स्कीम : सीएम हेमंत सोरेन ने युवाओं को जगाने वाला पोस्ट डाला, बेरोजगारी पर हो गये ट्रोल

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डेस्क: 

केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए लॉंच की गई स्कीम अग्निपथ का विरोध हो रहा है। देश के कई राज्य अग्निपथ स्कीम के विरोध की आंच में झुलस रहे हैं। इस बीच, योजना के विरोध और प्रदर्शनकारी युवाओं के समर्थन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो रहा है। इसमें सीएम हेमंत सोरेन ने अग्निपथ योजना की आलोचना की है। 

मुख्यमंत्री अपने पोस्ट पर हो गये ट्रोल 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखा है। लिखा है कि बहाली अनुबंध पर एवं नाम अग्निवीर ! इस स्लोगनवीर सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? !!! जागो भविष्य के कर्णधारों जागो !!! हालांकि, मुख्यमंत्री अपने इस पोस्ट की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो रहे हैं और युवा उन्हें झारखंड में बेरोजगारी के आंकड़े, रद्द हुई बहाली प्रक्रिया और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों की संख्या दिखाकर सवाल पूछ रहे हैं। यही नहीं! कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री को पहले अपने राज्य में बेरोजगारी दूर करने और फिर दूसरों की आलोचना करने की नसीहत दी है। 

मंगलवार को लांच हुई थी अग्निपथ स्कीम
गौरतलब है कि मंगलवार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाध्यक्षों की मौजूदगी में सेना भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव का एलान करते हुए अग्निपथ योजना लांच की थी। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा जिनका कार्यकाल 4 साल का होगा। 4 साल बाद चयनित कुल रंगरूटों में से 75 फीसदी को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। बाकी 25 फीसदी को ही आगे कन्टीन्यू किया जाएगा।

सेवामुक्त किए जाने पर अग्निवीरों को 11 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी। युवा इस तर्क के साथ विरोध कर रहे हैं कि 4 साल बाद उनका भविष्य अनिश्चित हो जायेगा। 

पूर्व सैनिकों ने भी की है अग्निपथ की आलोचना
केंद्र सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता अग्निपथ योजना के फायदे गिना रहे हैं वही विपक्ष के साथ-साथ पूर्व सैनिकों का ये मानना है कि इससे भारतीय सेना की मूल संरचना गड़बड़ा जाएगी। रेजिमेंट प्रणाली अस्थिर हो जाएगी। हर साल देश में ऐसे युवाओं की संख्या में इजाफा होगा जो हथियार चलाना जानते होंगे लेकिन बेकार होंगे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी संदर्भ में योजना की आलोचना की लेकिन युवाओं ने उनको झारखंड में बेरोजगारी के हालात दिखा दिये।