डेस्क:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुमला में आयोजित पेंशन वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। यहां जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब झारखंड के सभी योग्य लाभुकों को सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। पूर्व में सीमित संख्या में लाभुकों को पेंशन देने की बाध्यता थी।
राज्य सरकार ने इसे समाप्त किया। अब तक पेंशन से वंचित राज्य के सुपात्र लाभुक सर्वजन पेंशन पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं। सीएम ने कहा कि सभी छूटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीड़ित को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। इस कड़ी में सरकार द्वारा 7,79,142 से अधिक लाभुकों को योजना का लाभ मिला है। इन्हें हर माह 1 हजार सम्मान राशि के रूप के दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने गुमला की चंदू तिर्की, मीरा देवी को वृद्धावस्था पेंशन, यमुना कुमारी को निःशक्त पेंशन एवं सकुंटी बिरहोर को आदिम जनजाति पेंशन योजना के तहत ₹1 हजार की पेंशन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार गरीब-गुरुबा को देगी पेंशन और राशन का अधिकार, कोई नहीं रहेगा अछूता। pic.twitter.com/WFjDsV1qil
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 8, 2022
राज्य सरकार ने खुद बीड़ा उठाया
कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में 2020 से पूर्व तक पेंशन और राशन देने की बात राज्य के वंचित लोग कहते थे। वर्तमान सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य के वृद्ध, निःशक्त, निराश्रित महिला का पेंशन यूनिवर्सल कर दें। लेकिन केंद्र सरकार लंबे इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया और सभी को पेंशन देने का कानून बनाया गया। देश का यह पहला राज्य है, जिसने ऐसा किया। जो 60 वर्ष से अधिक उम्र का होगा उसे पेंशन प्राप्त होगा। जो पदाधिकारी सहयोग नहीं करेंगे। उनकी नौकरी जायेगी।
हर माह की 5 तारीख तक पेंशन मिलना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर जिम्मेवार दंडित होंगे। 50 हजार से अधिक नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द।आदिवासी से कम संख्या वालों का अलग धर्म कोड, आदिवासियों को भी मिले अलग धर्म कोड। आदिवासी संघर्ष करने वाले, अधिकार लेना जानते हैं: - @HemantSorenJMM https://t.co/o9u80w5fl4 pic.twitter.com/mi5QD1M3n5
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 8, 2022
विधवा पेंशन के आयु सीमा को समाप्त किया
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने विधवा पेंशन के तय 40 वर्ष की आयु एवं दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया। ताकि सभी को पेंशन को लाभ मिल सके। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि हर माह की पांच तारीख तक पेंशन मिल जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर जिम्मेवार दंडित होंगे। झारखंड में सभी जरूरतमंद को पेंशन मिलेगा। कोई इससे अछूता नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विषय एक ऐसा विषय है जो झारखंड ने लिए महत्वपूर्ण है।
यहां गरीब, किसान और मजदूर की बड़ी तादाद है। यहां के लोग अपना जीवन कठिनाइयों में बिताते हैं। 2019 से पूर्व हमने राज्य के कोने-कोने में जाकर राज्यवासियों का हाल और तकलीफों को जाना था। उसी परिपेक्ष्य में राज्य सरकार आज कार्य कर रही है।
महिलाओं के स्वाबलंबन के लिए तत्पर हैं हम!
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलाश ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने की पहल की जा रही है। इससे महिलाएं स्वरोजगार अपना कर आर्थिक रूप से मजबूत बन रहीं हैं। हड़िया दारू का व्यवसाय करने वाली महिलाओं से आग्रह है आप सरकार के पास आएं। सरकार आपको सम्मान जनक कार्य करने में सहयोग करेगी। 25 हजार से अधिक हड़िया दारू बेचने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा गया है। सरकार मदद को तैयार है।
पदाधिकारी सतर्क होकर योजना को समझाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन योजना के तहत सरकार स्वरोजगार हेतु लोन उपलब्ध करा रही है। हर तरह के व्यवसायिक कार्य के लिए लोन दिया जा रहा है। सभी पदाधिकारी सतर्क होकर ग्रामीणों को योजना समझाएं और राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का लाभ दें। मुख्यमंत्री ने बताया कि सीएम सारथी योजना के जरिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों का खर्च सरकार वहन करेगी। रामदयाल मुंडा जी ने एक बात कही थी यहां के लोगों का बोलना ही गीत और चलना ही नृत्य है। इस बात को जीवंत करते हुए सरकार हर आदिवासी के घर में मांदर हो इसकी व्यवस्था करेगी। इसकी योजना बनाई जा रही है। जिससे संस्कृति के संरक्षण को और बल मिलेगा।
सभी की समस्याओं का समाधान किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कार्यरत रसोईया, सहिया समेत सभी की समस्याओं का समाधान होगा। सभी के लिए चिंता है। अड़चनों को दूर किया जा रहा है। झारखण्ड पीछे नहीं रहेगा। यहां का सब कुछ जनमानस के लिए है। 50 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया सरकार जल्द शुरू कराएगी। अधिक से अधिक युवा प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लें। सरकार ने आवेदन की निर्धारित राशि को कम कर 50 रुपए कर दिया है, जिससे आर्थिक रूप में पिछड़े युवा भी प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लें सकें।
घर बैठे लोगों योजनाओं से आच्छादित किया गया
मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राशन कार्ड से वंचित और सुपात्र लोगों को हरा राशन कार्ड राज्य के कोष से आवंटन किया। गुमला में करीब 24 हजार से अधिक लोगों को हरा राशन कार्ड से जोड़ा गया है। पूरे राज्य में 15 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड दिया गया। आने वाले दिनों में पांच लाख अन्य लोगों को हरा राशन कार्ड दिया जायेगा। जरूरतमंद लोगों को धोती साड़ी भी सरकार दे रही है।
सरकार गरीब, जरुरतमंदों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने साहसिक कदम उठाते हुए सरना धर्म कोड को विधानसभा में पारित किया। यह आदिवासी हित के लिए किया गया। राज्य सरकार ने आपके अधिकार सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन घर बैठे लोगों योजनाओं से आच्छादित किया गया।
वंचित बच्चों को स्कॉलरशिप देने की पहल हुई
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि हमारे राज्य का बागडोर युवा मुख्यमंत्री संभाल रहें हैं। कोरोना काल को हमने झेला है। बावजूद इसके योजनाओं को धरातल पर उतारा गया। आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए योजनाओ लोगों को जोड़ा गया। सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को लाभ देने का कार्य शुरू हुआ। हर माह की पांच तारीख तक पेंशन देने का निर्देश मिला है। जिस पर कार्य हो रहा है। सरकार ने वंचित बच्चों को स्कालरशिप देने की पहल हुई। अब राज्य की जनता भी अन्य लोगों को सरकार को योजनाओं के प्रति जागरूक करने का काम करें, जिससे सभी को योजना का लाभ प्राप्त हो सके।
किन लोगों को दिया गया है पेंशन योजना का लाभ
गुमला में राज्य प्रायोजित मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 41630, मुख्यमंत्री आदिम जनजाति पेंशन योजना के 3572, मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना के 11243, मुख्यमंत्री (HIV/AIDS) राज्य सुरक्षा पेंशन योजना के 79 एवं स्वामी विवेकानन्द निःशक्त स्वालंबन पेंशन योजना के 4597 लाभुकों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।