द फॉलोअप डेस्कः
सीएम चंपाई सोरेन आज धुर्वा के शहीद मैदान से नियुक्ति पत्र का वितरण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर खूब निशाना साधा। साथ ही कहा कि आज का नियुक्ति पत्र सौंपकर हम आपको राज्य की बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं। उम्मीद है कि आप इसपर खड़े उतरेंगे। उन्होंने कहा कि आज हमलोग झारखंड की धरती पर हैं। जिस झाऱंखंड को सोना कि चिड़िया कहते है। जहां खनिज संपदा भरा हुआ है। आज 2019 में जनादेश प्राप्त करने प्रयास हेमंत सोरेन ने किया था। हमलोग सरकार बनने के दो साल तक काम नहीं कर पाए। लॉकडाउन हो गया था। डबल इंजन की सरकार ने अस्पतालों में वेंटिलेटर तक की व्यवस्था था। इस सोना की चिड़िया का दुरुपयोग किया गया। व्यवस्था से आदिवासी, मूलवासी को दूर रखा गया है। झारखंड बने 24 साल हो गये। राज्य का जो विकास होना था जो लोग सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करते थे वो लोग भी राज्य को चलाए हैं। लेकिन उनके देश चलाने में कोई अंतर नहीं आया। कई कंपनियां उनके राज में बंद हो गई। आज वही लोग कहता है भ्रष्टाचार। ये सरकार को शुरू से ही अस्थिर करने का प्रयास किया। उनकी वजह से हेमंत सोरेन को जेल यात्रा करना पड़ा। आपने जो नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है उससे हम आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। ये आपलोगों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी हम सौंपने जा रहे हैं। आपके गांव में भी लोग सोच रहे होंगे कि आपको आज नियुक्ति पत्र मिलेगा। इस सरकार ने सोचा कि क्यों झारखंड में गरीब गुरबा ज्यादा है। यहां का आदिवासी, मूलवासी अल्पसंख्यक क्यों ऐसी स्थिति में है। जबकि यहां इतना खनिज संपदा है। यहां के खनिज का इस्तेमाल दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात के लोगों ने उपयोग किया। अगर इसका दो परसेंट भी झारखंड की जनता के लिए किया जाता तो झारखंड की दशा बदल जाती।
हमने मॉडल स्कूल बनाया। लेकिन इसकी जरूरत क्यों पड़ी। हम यहां के गरीब गुरबा के बेटे बेटियों को हम इंग्लिश मीडियम से शिक्षा देंगे। आप राज्य के विकास की कल्पना कीजिएगा तो आपको शिक्षा के बारे में सोचना होगा। बिना शिक्षा हमारा शरीर अधूरा है। हमने आपको इतना नियुक्ति पत्र दिया। फिर 5 महीना के बाद 30 हजार सरकार नियुक्ति हम देने वाले हैं। ये सरकार की सोच है। जिस प्रदेश का हम नेतृत्व करते हैं वह विकास की सूची से नीचे हैं। इतना कुछ रहते हुए भी। यहां के खनिज से बाकि लोग रौशन हो गये। लेकिन झारखंड जहां का तहां। ठंडा में लोगों के शरीर में गर्म कपड़ा नहीं है। गर्मी में पैर में चप्पल नहीं है। इसलिए हम घर घर शिक्षा का दीपक जला रहे हैं। जिसे कोई नहीं बुझा पाएगा। यहां की जितनी जनजाति भाषा है सबका शिक्षक हम बहाल करेंगे। यहां के बंगला और उड़िया बोलने वालों को हम टीचर देंगे। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार की सोच है कि बहुत कम समय में ही ऐसे कार्य किए जाएं, जो झारखंड के विकास में एक मिसाल कायम कर सके। राज्य सरकार जल्द ही जनजाति भाषाओं के जनजातीय शिक्षकों की भी नियुक्ति करेगी। राज्य सरकार की यह सोच है कि झारखंड के समृद्ध जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई भी अब प्राथमिक विद्यालयों से ही शुरू की जाए। इस निमित्त पूरी तैयारी की जा रही है। झारखंड को सोने का चिड़िया वाले प्रदेश के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन यह विडंबना है कि बरसों से यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, शोषित, पिछड़े अल्पसंख्यक सहित जरूरतमंदों को व्यवस्था से दूर रखने का काम किया गया। उनकी सरकार अब इन वर्गों के लोगों को उनका हक-अधिकार देने का कार्य कर रही है।
अलग झारखंड राज्य बनने के बाद अपेक्षा अनुरूप यहां के लोगों का विकास नहीं हो सका है। वर्तमान समय में उनकी सरकार झारखंड के हर वर्ग और हर तबके के सर्वांगीण विकास को लेकर कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी थी। सरकार गठन होते ही देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी और पूरी व्यवस्था बंद हो गई। पूर्व की सरकारों ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर अस्पतालों को संसाधन संपन्न करने पर ध्यान नहीं दिया, परंतु हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के समय देश भर में एक बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में जीवन और जीविका दोनों को बचाने का कार्य कर दिखाया।
हमारी सरकार ने सोचा कि शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र तक बड़ा दयनीय स्थिति है। इसलिए हमने रोटी, कपड़ा, मकान देने को सोचा है। जो 77 साल आजाद होने के बाद महसूस करना पड़ रहा है। क्यों विकास नहीं हो रहा है क्योंकि यहां 5 हजार स्कूल बंद कर दिया गया था। बड़ी बड़ी बात करते हैं विकास का। आदिवासी का विकास का बात करते हैं। वन अधिकार अधिनियम से जंगल के ग्राम सभा के प्रथा को समाप्त कर दिया है। केंद्र का आदमी कोयलांचल को किसी के हाथ में देने जा रहा है। हम आपको आज झारखंड सौंप रहे हैं आपको समझना होगा कि कैसे बहरुपिया राजनीति करने वाला कैसे झारखंड को नष्ट कर रहा है। कैसे शैक्षणिक व्यवस्था से बच्चों को दूर किया है।
मुझे बड़ा गौरव है कि मुझे प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। हम वो कर देंगे जो बरसों से यहां के आदिवासी के दिल में है। हमें अबुआ आवास के बारे में सोचना पड़ा रहा है। केंद्र सरकार ने साफ इनकार कर दिया था। तब हेमंत बाबू ने सोचा कि हम अपने बलबूते पर लोगों को तीन कमरे का मकान देंगे। मैट्रिक के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आपके पास पैसे नहीं होते हैं हम आपको मदद करेंगे।