द फॉलोअप डेस्क
सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक के आरोपों पर झारखंड सीआईडी ने एक और एफआईआर दर्ज की है। साथ ही रातू थाने में पहले से दर्ज मामले को भी टेकओवर कर लिया है। अब जांच के लिए सीआईडी आम लोगों और परीक्षार्थियों से सबूत जुटाने के लिए विज्ञापन छपवाएगी। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि राज्य में विज्ञापन के जरिए लोगों को सूचना दी जाएगी कि अगर किसी के पास पेपर लीक से जुड़ा कोई सबूत है, तो वह सीआईडी को उपलब्ध कराए। इन सबूतों को जांच में शामिल किया जाएगा।
जेएसएससी की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल परीक्षा का आयोजन हुआ था। परीक्षा कदाचार और पेपर लीक से पूरी तरह मुक्त थी। लेकिन इसके बाद कुछ लोगों ने फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल कीं। इससे पहले रातू थाने में भी इसी मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। अब दोनों मामलों की जांच सीआईडी एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) के जरिए करेगी।
एसआईटी का गठन
सीजीएल परीक्षा की निष्पक्ष जांच के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एसआईटी का गठन किया है। इसका नेतृत्व सीआईडी डीआईजी संध्या रानी मेहता करेंगी। एसआईटी में अध्यक्ष संध्या रानी मेहता, सदस्य सीआईडी एसपी निधि द्विवेदी, रांची ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल, रांची के मुख्यालय 1 डीएसपी अमर कुमार पांडेय, सीआईडी में प्रतिनियुक्त डीएसपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता को शामिल किया गया है।
हाईकोर्ट का आदेश
प्रकाश सिंह की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पेपर लीक मामले में शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाए। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि उन्होंने 29 सितंबर को रांची पुलिस को ऑनलाइन शिकायत दी थी। अदालत ने इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है। इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी।