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रांची : 13 सितंबर को झारखंड खेल नीति का विमोचन करेंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

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रांची: 

राज्य में खेले जाने वाले खेल एवं खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिले, जिससे उनकी प्रतिभा की पहचान हो और प्रतिभाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में भाग लेने के अनुरूप तैयार किया जा सके। इनको लक्ष्य बनाकर झारखंड खेल नीति 2022 का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को विमोचन करेंगे। जिसके केंद्र में होंगे राज्य के खिलाड़ी और खेल। 

झारखंड खेल नीति की खास बातें

●राज्य के सभी बालक, बालिका, युवा एवं सभी आयु वर्ग के नागरिकों के लिए खेल को उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने एवं सारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाना।

● प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चयनित खेल विधा में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करना।

● प्रतिभा की पहचान कर उसे मौका देना। प्रशिक्षण देकर उनका सर्वांगीण विकास और आगे चलकर उन्हें चैंपियन बनाने की दिशा में कार्य करना।


प्रदेश की नई खेल नीति का उद्देश्य

●राज्य में खेलों में खिलाड़ियों का क्षमता निर्माण एवं विकास करना, खेल को आकर्षक एवं व्यवहार्य कैरियर विकल्प के रूप तैयार करना, पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास उत्प्रेरक बनाना, हर उम्र के नागरिकों के लिए खेल एवं शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण तैयार करना, खिलाड़ियों का डाटा बेस तैयार कर अंतरराष्ट्रीय मानक के साथ संसाधन उपलब्ध कराना, देशज एवं पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देना, खेल पर्यटन को बढ़ावा देना एवं दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान अवसर प्रदान करना।

 

खेल नीति से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदु ...

●खिलाड़ियों में प्रतिभा अभिवृद्धि के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर कार्य करने की योजना।

●खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति देने की योजना।
●खिलाड़ियों हेतु इन्श्योरेन्स की सुविधा।
●पूर्व खिलाड़ियों को पेंशन योजना का लाभ।
●राज्य के हर ब्लॉक में उच्च कोटी के खेल मैदानों का विकास।
●योजनाबद्ध तरीके से राज्य के खिलाड़ियों के लिए डे-बोर्डिंग, क्रीडा किसलय केंद्र, आवासीय खेल विकास केंद्र, एकलव्य खेल अकादमी का विकास करना। 
● राज्य के सभी खिलाड़ियों के लिए देश का पहला खेल डिजिटल डेटाबेस तैयार करना।
●खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करना।
● खिलाड़ियों को नौकरी और शिक्षण संस्थान में आरक्षण।
●झारखण्ड के खिलाड़ियों को राज्य स्तर की द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में सीधी भर्ती। 
●खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों हेतु सम्मान राशि।

●ग्रामीण खेल केंद्र, खेल अकादमी, खेल विश्वविद्यालय, खेल विज्ञान, खेल प्रतिभा खोज, खेल संरचना विकास, प्रशिक्षक विकास,  फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम, खेल ब्रांडिंग एवं पारदर्शिता के संबंध में भी खेल नीति 2022 में प्रावधान किया गया है। 

खेल नीति में इनकी भी होगी भूमिका
सर्वश्रेष्ठ पीएचई, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के कोच के लिए पुरस्कार, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों के लिए राज्य प्रतिभा पूल बनाना, खेल गतिविधियों और कम्युनिकेशन कौशल के संबंधित पीपीपी और प्रायोजकों को आकर्षित करना, फुटबॉल, हॉकी, आदि के लिए झारखण्ड प्रीमियर लीग का आयोजन, ग्रामीण स्तरीय खेल, पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना, डोपिंग मुक्त खेल की दुनिया को सुनिश्चित करने के लिए झारखंड में नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया की तरह की कानूनों को लागू करना।

खेल विभाग उन संगठनों को भागीदार बनाने का कार्य करेगा जो झारखंड में स्कूली बच्चों के स्पोर्ट्स डेवलपमेंट हेतु इच्छुक हैं। फुटबॉल, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में रोड मैप के लिए विशेष पहल एवं राज्य में खेल वातावरण को बढ़ावा देने हेतु स्टेट स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का निर्माण होगा।