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Ranchi : केंद्र के पास झारखंड का 1,30,000 करोड़ रुपये बकाया, भुगतान कर दे तो दूर हो जाएगा बिजली संकट: हेमंत सोरेन

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रांची: 

झारखंड में बिजली संकट गहरा गया है। शहरी इलाकों में 12 से 16 घंटे और ग्रामीण इलाकों में महज 6 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। बिजली संकट को लेकर झारखंड सरकार लगातार आलोचना का सामना कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार के पास झारखंड का 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपया बकाया है।

24 घंटे झारखंड में निर्बाध बिजली आपूर्ति
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यदि केंद्र सरकार, झारखंड के 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये बकाये का भुगतान कर दे तो बिजली संकट का समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि हम 50 रुपये प्रति यूनिट भी बिजली खरीदते हैं तो संकट दूर हो सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यदि केंद्र बकाया राशि का भुगतान कर दे तो लोगों को 24 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। 

बीते 3 सप्ताह से झारखंड में बिजली संकट
गौरतलब है कि झारखंड में बीते तकरीबन 3 सप्ताह से बिजली संकट गहरा गया है। बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। व्यवसायिक प्रतिष्ठान हों या आम लोग, बिजली कटौती से हलकान हैं। रात में बिजली नहीं होने की वजह से लोगों को नींद नहीं आती। बोर्ड परीक्षाएं हैं लेकिन बिजली नहीं रहने की वजह से छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। लोगों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सुनसान इलाकों में स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही जिसकी वजह से सुरक्षा का मसला भी है। बीजेपी, अलग-अलग जिलों में लगातार बिजली संकट को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रही है। सुधार की कोशिश हो रही है लेकिन दिल्ली दूर है। 

झारखंड में कितना बिजली उत्पादन होता है
बता दें कि झारखंड में डीवीसी और टाटा पावर के 2-2 पावर प्लांट हैं। उनकी बिजली उत्पादन करने की कुल क्षमता 4 हजार 826 मेगावाट है लेकिन फिलहाल 4 हजार 256 मेगावाट ही बिजली का उत्पादन हो पाता है। इसमें भी महज 1200 मेगावाट ही बिजली झारखंड को मिल पाती है। बाकी की बिजली, केरल, पंजाब और दिल्ली को आपूर्ति कर दी जाती है। कह सकते हैं कि झारखंड में चिराग तले अंधेरा है। 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर साधा निशाना
इधर, झारखंड में बिजली संकट को लेकर विपक्ष के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड में विपक्ष के पास कोई काम नहीं रह गया है। राज्य में इतनी सारी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। विपक्ष को वो नहीं दिखता। राज्य में यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू है। उन्होंने कहा कि, राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं लेकिन विपक्ष यहां अनाप-शनाप आरोप लगाता रहता है।