रांची
बिहार के बाद अब झारखंड में भी जल्दी ही जातीय सर्वेक्षण कार्य आरंभ किया जायेगा। इसके लिए सीएम चंपाई सोरेन मंजूरी दे दी है। मिली सूचना के मुताबिक आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में जातीय सर्वेक्षण का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। खबर ये भी है कि झारखंड सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के कार्य दायित्व में जाति सर्वेक्षण को भी शामिल कर लिया गया है। इसके लिए झारखंड कार्यपालिका नियमावली में कुछ बदलाव किये जा रहे हैं।
क्या है जातीय सर्वेक्षण का उद्देश्य
राज्य सरकार की ओर से मिल रही खबरों के अनुसार, झारखंड कैबिनेट को भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग के सदस्य सदियों से वंचित, शोषित और हाशिये पर जीवन यापन को विवश हैं। राज्य सरकार आनुपातिक समानता में तेजी लाने के उद्देश्य से जाति सर्वेक्षण करायेगी। इसके लिए झारखंड कार्यपालिका नियमावली में बदलाव करते हुए कार्मिक विभाग के कार्य दायित्व में जाति सर्वेक्षण को भी जोड़ा जाने की पैरवी की गयी है।
इन पर्यटन स्थलों को करेंगे विकसित
बता दें कि कल ही सीएम चंपाई ने अधिकारियों के साथ पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद और युवा कार्य विभाग के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की है। इसमें सीएम ने कहा, “हमारी सरकार पहाड़ी मंदिर (रांची), लुगु बुरु, मरांग बुरु, तथा रजरप्पा को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करेगी। इसके अलावा हुंडरू फॉल के रिनोवेशन तथा वहां बन रहे गेस्ट हाउस के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।“