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Jharkhand : संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019 के लिए बोकारो के चेतन जोशी का हुआ चयन

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बोकारो:
बोकारो के चेतन जोशी (Chetan Joshi) का चयन संगीत नाटक अकादमी अवार्ड 2019 (Sangeet Natak Academy Awards 2019) के लिए हुआ है। चेतन बांसुरी वादक है। 35 से अधिक वर्षों से भारत तथा भारत के बाहर अपने कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस लंबी यात्रा के दौरान चेतन ने अपनी एक अलग वादन शैली विकसित की है तथा बांसुरी वादन के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किए हैं। जो अब उनकी वरिष्ठ पहचान बन गई है।


कई प्रतिष्ठित जगह कर चुके हैं अपनी कला का प्रदर्शन
 चेतन जोशी जापान तथा साउथ कोरिया में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।  इसके साथ ही उन्होंने भारत में प्रतिष्ठित संगीत समारोह में बांसुरी वादन किया है। उनमें प्रमुख है श्री संकटमोचन संगीत समारोह (वाराणसी), श्री बाबा संगीत सम्मेलन (जालंधर),तानसेन समारोह (ग्वालियर),कालिदास समारोह (उज्जैन),विश्व बासुरी महोत्सव (दिल्ली),भास्करराव संगीत समारोह (चंडीगढ़),ताज महोत्सव (आगरा),ध्रुपद मेला (वाराणसी) में अपनी कला का प्रदर्शन किया है।
मिले कई सम्मान
 उनकी कला के लिए उन्हें झारखंड सरकार द्वारा सर्वोच्च कला सम्मान राज्य की सांस्कृतिक सम्मान वर्ष 2006 से नवाजा गया है। इसके अतिरिक्त सुरमनी बिस्मिल्लाह सम्मान,सरस्वती सम्मान,महाराज स्वाति थिरुनाल अवार्ड,स्वर समाज सेवा अवार्ड,कला रत्न सम्मान,संगीत गौरव अवार्ड,संगीत भारती अवार्ड,तेजस्वी सम्मान तथा ऐसी कई सम्मान उन्हें संगीत के क्षेत्र में उपलब्धि एवं योगदान के लिए मिल चुका है।


बांसुरी वादक में चेतन का करियर की शुरुआत 1987 में हुई
बांसुरी वादक चेतन जोशी का जन्म तत्कालीन बिहार में धनबाद जिले के झरिया में हुआ था। सिंहभूम जिले के नोआमुंडी में इनका बचपन गुजरा। इनके पिता भूपेंद्र जोशी चायपत्ती का व्यापार करते थे। रामरूद्र उच्च विद्यालय में से उन्होंने दसवीं की पढ़ाई की। इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई चास कॉलेज से ही पूरी की। कुछ समय इलाहाबाद डिग्री कॉलेज प्रयागराज में भी पढ़ाई की। इसके बाद बोकारो कॉलेज से स्नातक किया। बांसुरी वादक में चेतन का करियर की शुरुआत 1987 में सेक्टर 5 के श्री गुरु गोविंद सिंह विद्यालय में बतौर संगीत शिक्षक हुई थी। 1988 में वहां से दिल्ली पब्लिक स्कूल में संगीत शिक्षण कार्य के लिए आए और जनवरी 2012 तक वह विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। 2012 से ही ग्रेटर नोएडा में रहकर कार्यक्रम को व्यवस्था के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा बांसुरी प्रचार-प्रसार में संलग्न है।