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झारखंड की जल, जंगल, ज़मीन पर भाजपा की नज़र, मोदी और रघुवर सरकार ने लगातार इसे लूटने की कोशिश की-हेमंत सोरेन 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि भाजपा अब अपनी घिसी पीटी नफ़रती हिंदू-मुसलमान-पाकिस्तान-बांग्लादेश-मटन-मछली पर आ गई है पर हम झारखंडियों के असल मुद्दों पर वे मौन है। 2019-2024 के दौरान झारखंड विरोधियों ने अबुआ सरकार पर लगातार विभिन्न तरीकों से परेशान कर हमारे कार्यों को बाधित किया, फिर भी झारखंडी जनता के संकल्प से हम लगातार अपना काम करते रहें। झारखंड जल, जंगल, ज़मीन की लड़ाई से निकला राज्य है। इसी जल, जंगल, ज़मीन पर भाजपा की नज़र है। 

मोदी सरकार और रघुवर सरकार ने लगातार इसे लूटने की कोशिश की जिसका हम सब, झारखंडियों, ने जी-जान लगाकर विरोध किया:

1)आदिवासी-मुलवासियों के सुरक्षा कवच CNT-SPT कानून को ख़तम करने की कोशिश की थी।
2)CNT-SPT कानून में संशोधन के विरुद्ध और पत्थलगड़ी आन्दोलन करने वाले आदिवासियों पर गोली चलाया और हजारों को देशद्रोह घोषित आर दिया।
3)भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 में संशोधन कर ज़मीन लूटने के लिए दरवाज़ा खोल दिया।
4)22 लाख एकड़ सामुदायिक ज़मीन को हथिया कर लैंड बैंक बना दिया।
5)ग्राम सभाओं से जंगल छीन कर कॉर्पोरेट को देने के लिए वन संरक्षण कानून में संशोधन किया।
6)हाथी उड़ा कर कॉर्पोरेट घरानों को राज्य को लूटने की छूट दे दी थी।
7)भूमि स्वामित्व कार्ड योजना लागू कर CNT-SPT कानून और खूंटकट्टी व्यवस्था को खतम करने की कोशिश की।
8)व्यवसायिक खनन नीति लागू कर कोयला भंडार को कॉर्पोरेट घरानों के हवाले किया।

पिछले पांच सालों में हम जल, जंगल, ज़मीन को बचाने की लड़ाई लड़ते रहे हैं : 

1)CNT-SPT काननों में कोई संशोधन होने नहीं दिया।
2)दशकों से आदिवासियों के संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज परियोजना के अवधि विस्तार पर रोक लगाया।
3)आदिवासियों के धार्मिक धरोहर लुगु बुरु बाड़ी पहाड़ पर प्रस्तावित DVC पॉवर परियोजना को रोका।
4)पत्थलगड़ी आन्दोलन और CNT-SPT कानून आन्दोलन के विरुद्ध दर्ज फ़र्ज़ी मामलों को वापिस किया।

अब अगले पांच सालों में अबुआ सरकार इस संघर्ष को “अबुआ राज” की ओर आगे बढ़ाएगी, जहां: 

1)CNT-SPT कानून को कड़ाई से लागू किया जायेगा।
2)गांव की ज़मीन गांव के पास ही रहेगी. भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन 2017 और लैंड बैंक नीति को रद्द किया जायेगा।
3)विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग को पूर्ण रूप से स्थापित करके भूमिहीनों, दलितों और गरीब किसानों को जीवनयापन और आजीविका के लिए जमीन दिया जायेगा।
4)आदिवासी-मूलवासियों को वन अधिकार कानून के तहत जंगलों पर स्वामित्व के लिए सामुदायिक वन पट्टा का आवंटन किया जायेगा।
5)भाजपा सरकार के ऑनलाइन भूमि दस्तावेज कार्यक्रम में जो भूमि घोटाला हुआ है, उसे अभियान चलाकर सुधारा जायेगा और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाई होगी।
6)आदिवासी-मूलवासियों की ज़मीन लूटने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अभियान चलाकर कार्यवाई की जाएगी।
 

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