द फॉलोअप डेस्कः
पाकुड़ घटना के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर सरकार कार्रवाई करे. यह मांग सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने की। उन्होंने कहा कि बीते 18 जुलाई को एक आदिवासी परिवार को पीटा गया। वीडियो भी है। अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में आदिवासी हॉस्टल के छात्र आंदोलन करने को तैयार हुए। लेकिन प्रशासन ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को बेरहमी से पीटा। उनमें से कई का इलाज चल रहा है।
चिन्हित हो बांग्लादेशी घुसपैठी
अमर बाउरी ने कहा कि न्यायालय ने भी कहा है कि डेमोग्राफी चेंज हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करे।
चारागाह बना रही सरकार
बता दें कि घटना के बाद ही अमर बाउरी ने कहा था कि इस दमनकारी झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार पाकुड़ को जहां बांग्लादेशियों का चारागाह बना रही है तो वहीं मूलवासी-आदिवासी जनमानस के आक्रोश व विरोध को लाठी-डंडे के माध्यम से दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ जिला के उपायुक्त व पुलिस प्रशासन मामले में दोषियों को चिन्हित करें और कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि पाकुड़ में कानून का राज स्थापित किया जाए ना की गुंडों का।
क्या है मामला
पाकुड़ जिले के केकेएम कॉलेज में छात्रों और पुलिस के बीच शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात्रि में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। छात्रों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने कहा कि छात्रों ने पहले हमला किया था। घटना के संबंध में छात्र नेता कमल मुर्मू ने बताया कि पुलिस ने आक्रोश रैली को रोकने के लिए हमला किया था। वहीं पुलिस निरीक्षक अनूप रोशन भेंगरा का कहना था कि अपहरण की सूचना मिली थी और जांच के लिए पुलिस अधिकारी को भेजा गया था, लेकिन छात्रों ने हमला कर दिया।