द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के दुमका लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सीता सोरेन शुक्रवार को जामताड़ा पहुंची। जामताड़ा में कार्यकर्ता के साथ बैठक के दौरान सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड में बीजेपी की सरकार बनते ही, उनके स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन की मौत की जांच के लिए टीम का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, मुझे पार्टी (झारखंड मुक्ति मोर्चा) में कभी महत्व नहीं दिया गया। पार्टी ने कभी नहीं अपनाया। मजबूरन मुझे यह कदम उठाना पड़ा। सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड गठन का मूल उद्देश्य पीछे छूट गया है। गौरतलब है कि सीता सोरेन 19 मार्च को झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के पश्चात, बीजेपी में शामिल हो गई थीं। उनको दुमका से प्रत्याशी बनाया गया।
झारखंड की मौजूदा गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए सीता सोरेन ने कहा कि मौजूदा सरकार पत्थर और जमीन की लूट में शामिल है। जनता हिसाब चुकाएगी। उन्होंने कहा कि मैं कई बार विधायक रही लेकिन, पार्टी से उचित सम्मान नहीं मिला। स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए बहुत काम किया। बावजूद इसके, पार्टी ने उनके विचारों को आत्मसात नहीं किया। मैंने कई बार उनकी मौत की जांच की गुहार लगाई जिसे अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां ही ऐसी बन गई थी कि मुझे बीजेपी जैसी विशाल पार्टी में आना पड़ा। ये विकास की पार्टी है। हम सभी 14 लोकसभा सीटें जीतेंगे।
जेएमएम पर लगाए थे आरोप
बता दें कि जिस दिन सीता सोरेन बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार रांची आई थी। उस दिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि उनकी पति की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी। इसकी जांच के लिए वह कई बार कह चुकी थी लेकिन पार्टी में उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा था। वह अपने पति की आदमकद प्रतिमा बनवाने की भी मांग कर चुकी हैं लेकिन उस पर भी पार्टी ने कभी तरजीह नहीं दी। सीता सोरेन ने यह भी कहा था कि मेरे पति के सपने को जेएमएम पूरा नहीं कर पाया। मेरे छोटे-छोटे बच्चों को मैंने किस तरह पाला यह मैं ही जानती हूं। मेरे बच्चों को और मुझे पीड़ा का सामना करना पड़ा। पहले जब मेरे ससुर की तबीयत ठीक थी तब वह हमें देखते थे लेकिन बाद में जब उनकी तबीयत खराब होने लगी तो हमें अलग थलग रखा गया।