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CRPF जवानों पर हमले के लिए उकसा रहे थे JMM नेता, मुकदमा दर्ज हो; आरोपों पर BJP का पलटवार

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

सीएम हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री आवास के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती को झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश बताने वाले झामुमो के आरोपों पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों के जवाब में कहा कि हकीकत यह है कि करप्शन में फंसे सीएम हेमंत सोरेन ध्यान बंटाने के लिए जानबूझ कर राज्य को अराजकता में झोंकना चाहते हैं। प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने आवास के बाहर हथियारबंद भीड़ जुटाकर ईडी अधिकारियों, न्यायपालिका, देश और संविधान को डराना चाहते थे। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने क्या आरोप लगाए थे
सीआरपीएफ की तैनाती पर झामुमो द्वारा प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार को अपदस्थ कर पूर्व नियोजित साजिश के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश के आरोपों पर प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झामुमो कार्यकर्ताओं ने पूछताछ के दौरान भड़काऊ नारेबाजी की। धारा-144 का उल्लंघन किया। समाचार चैनलों में झामुमो नेता ईडी और सीआरपीएफ पर हमला और सेंदरा करने का आह्वान करते रहे। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इससे सिद्ध होता है कि प्रदर्शन राज्य प्रायोजित था। 

झामुमो नेता-कार्यकर्ता पर अराजकता फैलाने का आरोप
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि धारा-144 लगे होने के बावजूद हरवे-हथियार से लैस झामुमो कार्यकर्ता सीएम आवास के आसपास जुटे जो साफ तौर पर हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास लगता है। उन्होंने कहा कि झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया जाना चाहिए। 

सीआरपीएफ जवानों की तैनाती से हुई थी गहमागहमी
गौरतलब है कि शनिवार को जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ चल रही थी तभी दोपहर तकरीबन 3 बजे सीआरपीएफ की 2 बटालियन के करीब 500 जवान सीएम आवास पहुंचे थे। इस दौरान वहां काफी गहमागहमी का माहौल रहा। शाम 5 बजे सीआरपीएफ के जवान वापस लौट गए। रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया कि सीआरपीएफ की तैनाती दरअसल, उस पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी जिसके तहत मुख्यमंत्री पर संवैधानिक तंत्र की विफलता का आरोप लगाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके।

झामुमो ने उक्त घटना की गहन जांच की मांग की। अब बीजेपी ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही नेताओं और कार्यकर्ताओं पर राज्य में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है।