द फॉलोअप डेस्क
झारखंड प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने आज यानी 29 अक्टूबर को कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 5 वर्षों में झारखंड के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार देने का काम किया। इस दौरान तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता की राजनीति चरम पर पहुंच गई। लेकिन इस सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं पूरे तरीके से ध्वस्त हो गई।
इस सरकार की प्राथमिक सूची में शिक्षा नहीं
इस दौरान प्रतुल ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड के विभिन्न मिडिल स्कूलों में 96% प्रिंसिपल के पद खाली है। सब प्रभार पर चल रहा है। कुल 3218 में 3163 पद मिडिल स्कूलों में खाली पड़े हैं। शिक्षा इस सरकार की प्राथमिक सूची में है ही नहीं। सरकार को झारखंड के नौनिहालों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।
प्रतुल ने बताया कि यहां धनबाद और सरायकेला जैसे जिलों में तो एक भी मिडिल स्कूल में पूर्णकालिक प्रिंसिपल कार्यरत नहीं है। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई का ख्याल नहीं रखा जाता है। यह पूरे तरीके से शिक्षा तंत्र को बर्बाद करने की सुनियोजित साजिश है। प्रतुल ने कहा कि प्रदेश में अगर शिक्षकों की बात करें, तो सभी वर्गों को मिलाकर कुल 68% शिक्षकों के पद खाली है। 60,000 पारा शिक्षकों को राज्य सरकार ने नियमित करने का आश्वासन दिया था। मगर अभी भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उल्टे प्रजातांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने वाले पारा शिक्षकों पर इस सरकार ने बर्बरता से लाठियां चलाई थी और फर्जी मुकदमों से लाद दिया था।
प्रतुल ने कहा इसी तरीके से इस सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरे तरीके से ध्वस्त कर दिया। झारखंड में प्रति लाख की आबादी पर सिर्फ 6 डॉक्टर है, जो की दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेषज्ञ डॉक्टर के 85% पद खाली है, जो राज्य सरकार की उदासीनता को दिखाता है। इस अवसर पर प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जनता 23 नवंबर का बेसब्री से इंतजार कर रही है। जब झारखंड के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार की विदाई हो जाएगी।