दिल्ली:
दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार प्रभास इस साल विजयादशमी में रावण का पुतला दहन करेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली के प्रसिद्ध लव-कुश रामलीला में इस वर्ष बाहुबली फेम अभिनेता प्रभास शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि हर साल की भांति इस साल भी दिल्ली की लव-कुश रामलीला कमिटी 26 सितंबर से हजारों लोगों का स्वागत करेगी। इस बार भी दशहरा भव्य होगा।
Prabhas to burn Ravan's effigy in Delhi's Lav Kush Ramleela at Lal Qila with Ayodhya's Ram Mandir replica in background
— ANI Digital (@ani_digital) September 12, 2022
Read @ANI Story | https://t.co/SqcVIVzQAN#Prabhas #LalQila #Ayodhya #RamMandir pic.twitter.com/vErWNdh6Kb
खास पंडाल के लिए मशहूर है लव-कुश रामलीला
गौरतलब है कि लव-कुश रामलीला कमिटी को उनके अद्भुत पंडाल आइडिया के लिए जाना जाता है। ये कमिटी हर वर्ष दशहरा के मौके पर अलग-अलग थीम पर भव्य पंडालों का निर्माण कराती है। इस साल लाल किला परिसर में अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर की थीम पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। 5 अक्टूबर को विजयादशमी के मौके पर आयोजित रावण-दहन कार्यक्रम में प्रभास भी शिरकत करेंगे। फिलहाल, कमिटी विजयादशमी समारोह की तैयारियों में लगी है।
आदिपुरुष में राम का किरदार निभा रहे हैं प्रभास
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए लव-कुश रामलीला कमिटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि प्रभास अपनी अगली फिल्म आदिपुरुष में राम का किरदार निभा रहे हैं। ऐसे में दशहरा के मौके पर रावण दहन के लिए उनसे उपयुक्त शख्स और कोई हो ही नहीं सकता था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशाल पुतले बनेंगे और प्रभास अपने बाण से उनका संहार करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार का पूजा पंडाल 100 फीट ऊंचा होगा।
100 फीट ऊंचा होगा लवकुश रामलीला कमिटी का पंडाल
गौरतलब है कि लव-कुश रामलीला कमिटी के कार्यक्रमों में इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और जॉन अब्राहम भी शिरकत कर चुके हैं। दशहरा त्योहार की शुरुआत इस वर्ष 26 सितंबर से होगी। विजयादशमी 5 अक्टूबर को है।
गौरतलब है कि दशहरा, भगवान राम द्वारा राक्षसराज रावण के वध की याद में मनाया जाता है वहीं असुरराज महिषासुर का वध शक्तिरूपा देवी दुर्गा ने किया था। इसलिए उस दिन विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। इससे पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है। उत्तर-भारत में ये त्योहार खासा महत्व रखता है।