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बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी, इलाज के अभाव में हो रही मौतों पर की जांच की मांग

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द फॉलोअप डेस्कः
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आदिम जनजाती समाज के लोगों की हो रही मौत मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने तीन घटना का जिक्र करते हुए समुचित कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा है कि "आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। आए दिन आदिवासी खासकर विलुप्त हो रहे आदिम जनजाति समाज के भाई-बहनों की मृत्यु ईलाज के अभाव में हो रही है लेकिन प्रशासन जिम्मेदारी लेने के बजाय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहा है।"


बच्ची ने पिता के गोद में तोड़ा दम
इसके बाद उन्होंने साहिबगंज में पिता की गोद में दम तोड़ने वाली बच्ची की घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि "हालिया घटना साहिबगंज सदर अस्पताल की है जहाँ सिमरिया गांव निवासी आदिम जनजाति पहाड़िया मथियस मालतो की छह साल की बेटी गोमदी पहाड़िन जो डेंगू से पीड़ित थी, ईलाज के अभाव में अपनी जान गंवा दी। पिता डॉक्टरों की तलाश में इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक मागते रहे, परन्तु कहीं भी डॉक्टर नहीं मिले, जिसके कारण पिता की गोद में ही बच्ची ने अपना दम तोड दिया। यह सिर्फ एक घटना नहीं है" 


इन दो घटनाओं का भी किया जिक्र 
आगे बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि "ऐसी ही दूसरी घटना दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखण्ड के कुंडा पहाड़ी गांव में हुई जहाँ विलुप्तप्राय पहाड़िया जनजाति की 19 वर्षीय गर्भवती महिला प्रिंसिका महारानी की समय पर एबुलेंस और ईलाज न मिल पाने के कारण जान चली गई। तीसरी घटना जामताड़ा जिले के करमाटांड प्रखण्ड के नेंगराटांड गांव की है जहाँ अज्ञात बीमारी से पिछले 22 दिनों के अंदर आदिम जनजाति (पहाड़िया) परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई है। अभी भी 10 से अधिक लोग अलग अलग बीमारी से ग्रसित हैं। झारखण्ड में समय पर ईलाज न हो पाने के कारण आए दिन प्रदेशवासियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।"


लूट खसोट में लिप्त है स्वास्थय विभाग
"झारखण्ड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लूट-खसोट में लिप्त है और पैसे लेकर डॉक्टरों को मनचाहा पोस्टिंग देकर स्वास्थ्य सेवाएँ को प्रभावित कर रही है। दूर-दराज के स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों का पदस्थापन नहीं रहने के कारण मरीज ईलाज नहीं करा पा रहे हैं। अतः आपसे अनुरोध है कि उपर्युक्त घटनाओं का संज्ञान लेते हुए एक उच्च स्तरीय जाँच कमेटी का गठन कर मौत के रहस्यों को सार्वजनिक करें तथा संलिप्त व्यक्ति/संस्था/ डॉक्टरों/अस्पतालों पर कड़ी करवाई करें साथ ही साथ झारखण्ड के सभी लोगों के लिए ईलाज के पुख्ता इंतजाम कराने हेतु समुचित कार्रवाई करेंगे।"