logo

गोड्डा और पाकुड़ के मलेरिया प्रभावित गांवों में पहुंचे बाबूलाल, सीएम हेमंत पर किया तंज

a319.jpeg

द फॉलोअप डेस्क:

पाकुड़ में लिट्टीपाड़ा प्रखंड के जोरडीहा पंचायत के बड़ा कुटलो गांव सहित आसपास के 23 गांवों में मलेरिया का प्रकोप है। बड़ा कुटलो गांव में 5 बच्चों की मौत ब्रेन मलेरिया से हो गई। गोड्डा के सुंदरपहाड़ी प्रखंड में भी 7 बच्चों की मौत मलेरिया जैसे लक्षण वाली बीमारी से हुई है। सोमवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पाकुड़ के बड़ा कुटलो और गोड्डा के जोलो बरागो गांव का दौरा किया। उन्होंने मलेरिया प्रभावित लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। 

मलेरिया प्रभावित गांवों में पेयजल की सुविधा नहीं
बड़ा कुटलो और जोलो बरागो गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। ऐसे में बाबूलाल मरांडी को मुख्य मार्ग से कुछ आगे जाकर अपनी गाड़ी से उतरना पड़ा। बाबूलाल मरांडी ने आगे तकरीबन 8 किमी का सफर अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों और अपने सहयोगियों के साथ पैदल ही तय किया। इस दौरान बाबूलाल मरांडी को पहाड़ी पर चढ़ाई भी करनी पड़ी। हालांकि, बाबूलाल मरांडी ने तय किया कि वह मलेरिया प्रभावित गांवों में जाकर, खुद हालात का जायजा लेंगे। 


बाबूलाल मरांडी ने मलेरिया पीड़ित मरीजों का हाल जाना
बाबूलाल मरांडी ने मलेरिया पीड़ित मरीजों से मुलाकात की। उन्हें समुचित इलाज मिल रहा है या नहीं, इस बारे में जानकारी ली। बाबूलाल मरांडी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि उक्त गांवों में कई स्थानों पर कीचड़नुमा गड्ढे हैं जिसमें मच्छर पनप गए हैं। ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को यहां नल-जल योजना कार्यान्वित करना चाहिए। इसके लिए केवल 2 दिन लगेंगे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यदि गांव में पक्की सड़क और नालियां होगी तो कीचड़ जमा नहीं होगा। 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम हेमंत पर किया तंज
इस दौरान मीडिया से मुखातिब बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना की। बाबूलाल मरांडी ने गांव में पेयजल, सड़क और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। 24 और 25 नवंबर को पाकुड़ और साहिबगंज प्रवास के दौरान मलेरिया प्रभावित इलाकों में नहीं जाने के लिए भी उन्होंने सीएम हेमंत को आड़े हाथों लिया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कहते हैं कि गांव तक पहुंच कर लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देंगे लेकिन, वह कौन से गांव हैं। मुख्यमंत्री पाकुड़ में थे। साहिबगंज भी गए लेकिन मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरा नहीं किया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लगता है मुख्यमंत्री खुद मलेरिया से डरते हैं। संभवत पदाधिकारियों ने उनसे कहा होगा कि यदि आप गांव में गए तो बीमार पड़ जाएंगे। 

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा में मलेरिया से 5 बच्चों की मौत
पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत जोरडीहा पंचायत के करीब 23 गांव मलेरिया से प्रभावित हैं। बड़ा कुटलो गांव में 5 आदिवासी बच्चों की मौत हो गई। बताया जाता है कि ग्रामीण अंधविश्वास की वजह से जांच के लिए आगे नहीं आ रहे। जिला प्रशासन और स्वास्थ्यकर्मियों के समझाने पर जब कुछ लोगों ने जांच कराई तो उनमें मलेरिया की पुष्टि हुई। जांच के प्रति लोगों के मन से डर हटाने के लिए खुद डीसी और सिविल सर्जन ने अपना ब्लड टेस्ट कराया। उपायुक्त मृत्युंजय बर्णवाल औऱ सिविल सर्जन ने रविवार को प्रभावित गांवों का दौरा किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम को सभी प्रभावित गांवों का दौरा करने का निर्देश दिया गया है। गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है।