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बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत को दिया सुझाव, कहा- शराब का लाइसेंस देने में आदिवासी महिलाओं और सेना के रिटायर्ड जवानों को मिले प्राथमिकता

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द फॉलोअप डेस्क 
रांची :
नई शराब नीति को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि देशी-विदेशी शराब का लाइसेंस देने में गरीब आदिवासी महिलाओं और सेना के रिटायर्ड जवानों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा है कि मुझे पता चला है कि झारखंड सरकार की ओर से उत्पाद विभाग के जरिये राज्य में नई शराब नीति लागू करने की योजना बनाई जा रही है। इससे पूर्व भी आपके नेतृत्व में दो बार शराब नीति लागू की जा चुकी है किन्तु दुर्भाग्यवश उन नीतियों का लाभ राज्य के हित में नहीं हुआ। इसके विपरीत वो नीतियां जनता के शोषण और राजस्व की हानि का कारण बनीं। निर्धारित मूल्य से अधिक दरों (MRP) से अधिक दरों पर शराब बेचने के कारण जनता से अवैध वसूली की गई और इसके परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाला राजस्व शराब माफियाओं और दलालों के जेब में चला गया।
झारखंड की सामाजिक संरचना में हजारों गरीब, दलित, और आदिवासी महिलाएं हैं जो सड़क किनारे हड़िया, दारू बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। आप भी उसी समाज से आते हैं इसलिए आप भी आदिवासी महिलाओं की स्थिति से अवगत होंगे। ऐसे में जिस प्रकार केन्द्र सरकार पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के लाइसेंस निर्गत करने में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, दिव्यांगों और सेना से सेवानिवृत्त जवानों को प्राथमिकता देती है उसी प्रकार राज्य सरकार भी देशी और विदेशी शराब दुकानों का लाइसेंस जारी करने में गरीब आदिवासी महिलाओं एवं सेना से सेवानिवृत्त जवानों को प्राथमिकता प्रदान करें।
चूँकि शराब नीति का निर्धारण पंचायती राज विभाग और ग्रामसभा का विषय है। अतः आग्रह है कि राज्य सरकार इन विभागों से मंतव्य प्राप्त कर ऐसी नीति का निर्माण करें जो ग्रामीण आदिवासी महिलाओं के हित में हो और उन्हें सम्मानपूर्वक जीविका चलाने में सहायता मिले। आपका सहयोग राज्य के विकास और सामाजिक उत्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

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