दुमकाः
दुमका जिला के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में आज सावन की पहली सोमवारी धूमधाम से मनाई जा रही है। लोटे में पवित्र गंगाजल लिए श्रद्धालु रात के 2 बजे से कतारबद्ध होकर बाबा बासुकी के मंदिर खुलने की प्रतीक्षा कर थे। भक्तों की प्रतीक्षा रात्रि लगभग 3:00 बजे खत्म हुई और श्रद्धालु अर्घा के माध्यम से जलार्पण करने लगे। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। वैसे तो सावन के महीने में रोजाना बाबा बासुकीनाथ के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु महादेव के ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करते हैं मगर सावन के सोमवारी का अपना ही एक विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है, जिस वजह से इस माह के सोमवार का महत्व सबसे अधिक होता है।
इसलिए भगवान शिव को चढ़ाया जाता है जल
ऐसी भी मान्यता है कि समुद्र मथने के बाद जो विष निकला उसे भगवान शिव ने अपने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा थी विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया ताकि उन्हें राहत मिले। कहा जाता है कि यही कारण है कि सावन में भगवान शिव पर जल चढ़ाया जाता है। वहीं बासुकीनाथ मंदिर का इतिहास भी सागर मंथन से जुड़ा है। कहा जाता है कि सागर मंथन के दौरान पर्वत को मथने के लिए वासुकी नाग को माध्यम बनाया गया था। इन्हीं वासुकी नाग ने इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। और साक्षात महादेव के दर्शन पाई थी यही कारण है कि यहां विराजमान भगवान शिव को बासुकीनाथ कहा जाता है।
प्रशासन की पूरी तैयारी
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त एवं अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिया गया। जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि श्रद्धालु सुगमता के साथ बाबा पर जलार्पण कर सके। संस्कार मंडप में भी श्रद्धालुओं को नियंत्रित करते हुए लाइन से मंदिर प्रांगण की ओर भेजा जाएगा। उपस्थित सभी दंडाधिकारियो से कहा गया कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से कोई परेशानी नहीं हो यह प्राथमिकता है इसे सुनिश्चित करें।जिला प्रशासन द्वारा बनाये जाने वाले सभी आवासन केन्द्र सीसीटीवी के निगरानी में रहेंगे।