द फॉलोअप डेस्क
लोक अस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। नहाय खाय के साथ शुरू चार दिवसीय अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। छठ पूजा के तीसरे दिन शाम को अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को छठ व्रर्ती अर्घ्य देती हैं। इसके साथ ही चौथे दिन व्रर्ती उदीयमान यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। झारखंड के प्रमुख शहरों का 19 नवंबर को सूर्यास्त और 20 नवंबर को सूर्योदय का जानें क्या है समय।
झारखंड के प्रमुख 14 जिले जहां 19 नवंबर सूर्यास्त और 20 नवंबर सूर्योदय का क्या समय है-
- राजधानी रांची में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 2 मिनट में है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 05 है।
- हजारीबाग में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 01 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 06 मिनट है।
- गिरिडीह में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 57 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 03 मिनट है।
- कोडरमा में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 59 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 06 मिनट है।
- चतरा में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 02 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 08 मिनट है।
- धनबाद में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 57 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 01 मिनट है।
- दुमका में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 53 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 5 बजकर 59 मिनट है।
- गोड्डा में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 52 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजे है।
- देवघर में सूर्यास्त का समय 4 बजकर 55 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 02 मिनट है।
- गढवा में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 07 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 13 मिनट है।
- डाल्टेनगंज में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 06 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 11 मिनट है।
- गुमला में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 05 मिनट पर है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 08 मिनट है।
- जमशेदपुर में सूर्यास्त का समय 5 बजे है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 01 मिनट है।
- चक्रधरपुर में सूर्यास्त का समय 5 बजकर 02 मिनट है। वहीं सूर्योदय का समय 6 बजकर 03 मिनट है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है। क्योंकि इस पर्व को आस्था और श्रद्धापूर्वक किया जाता है। यही कारण है कि आज देश से लेकर विदेशों में भी छठ पूजा मनाई जाती है। छठ पर्व में साफ-सफाई के नियमों का विशेष पालन करन होता है। छठी माई की पूजा में घर पर मांस-मंदिरा, लहसुन-प्याज और जूठन करना वर्जित होता है। छठ व्रत करने से घर पर सुख-शांति आती है। इस व्रत से संतान और सुहाग की आयु लंबी होती है।