द फॉलोअप डेस्कः
असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के ऊपर पिछले पांच महीने से सर्विलांस लगाया गया था। उनपर झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच के दो ऑफिसर नजर रख रहे थे। उनके इस बयान के बाद सियासत शुरू हो गयी है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने बयान दिया है कि पांच महीने से चंपाई सोरेन के ऊपर सर्विलांस लगा हुआ था। यह आश्चर्यचकित करने वाला मामला है। वह मुख्यमंत्री रहे हैं, वर्तमान सरकार में मंत्री है।
मुख्यमंत्री रहते किनके आदेश पर उनको ट्रैप किया जा रहा था। अभी भी मंत्री रहते हुए जिस तरह से उनको ट्रैप किया जा रहा है वह ये बताता है कि वर्तमान सरकार कितनी डरी हुई है। और सुना था। किसी भी हद तक जाना ये मुगलों के शासनकाल में देखा गया था। आज एक लोकतांत्रिक देश में सत्ता बचा रहे इसके लिए इतने नीचे तक जा रहे हैं। इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है।
भारत के संविधान में निजता का भी अधिकार है। आपके जीवन में निजता मानव का सबसे बड़ा अधिकार भारतीय संविधान ने दिया है। उसका भी उल्लंघन कर रहे हैं। कहीं ना कहीं कुल मिलाकर इस पूरे कार्रवाई की जांच होनी चाहिए। किन परिस्थितियों में और क्यों किस राजनेता ने ऐसा करने का आदेश दिया है। ये भी जनता के बीच आना चाहिए। ताकी चीजें संवैधानिक रहे। कोई अपनी सत्ता की हनक में किसी के जीवन में ऐसी ताक-झांक करके ऐसे किसी के जीवन को नष्ट ना करें।