द फॉलोअप डेस्कः
टेंडर कमीशन घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी ने बुधवार को झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट में पेश किया। जहां से उनकी रिमांड अवधि पांच दिन तक के लिए बढ़ा दी गई है। हालांकि ईडी ने 8 दिनों के रिमांड की मांग की थी। बता दें कि आज आलमगीर आलम की 6 दिनों की रिमांड अवधि पूरी हो गई जिसके बाद उनको कोर्ट में पेश किया गया। मालूम हो कि 15 मई की शाम ईडी ने आलमगीर आलम के गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि 6 मई को ईडी ने आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद नौकर के आवास से 32 करोड़ से अधिक कैश बरामद हुए थे।
बता दें कि कमीशन कांड का जांच कर रही ईडी एक के बाद एक खुलासे कर रही है। ईडी को पता चला है कि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को पैसे देने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल होता था। ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में सौंपे दस्तावेज में बताया है कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए रिश्वत की रकम की गणना के लिए डायरी में कोड वर्ड एम और एच का इस्तेमाल किया गया था। एम का मतलब मिनिस्टर और एच का मतलब ऑनरेबल था।
ईडी ने कोर्ट को जो दस्तावेज सौंपे हैं, उसमें ठेकों के लिए एलओए (लेटर ऑफ एक्सेप्टेशन) जारी होने पर ही कमीशन मिलने का उल्लेख है। बीते जनवरी महीने में 25 छोटे-छोटे ठेकों के बाद ही मंत्री आलमगीर आलम के लिए 1.23 करोड़ रुपए कमीशन के तौर पर मिलने का जिक्र डायरी के एक पन्ने में है। ईडी ने जो दस्तावेज कोर्ट में दिए हैं, उसके अनुसार कुल 223.77 लाख रुपये की उगाही 9- 19 जनवरी तक जारी इन 25 टेंडरों में की गई। जिसमें 123.20 लाख रुपये का कमीशन मंत्री आलमगीर आलम का है।