रांची:
झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने चौड़ी, कांके में बनने वाले झारखंड आंदोलनकारी स्मृति भवन निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए सुदेश कुमार महतो ने कहा कि यह स्मृति भवन झारखंड आंदोलन एवं राज्य के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा तथा शिक्षाविद्, शोधार्थियों एवं झारखंड के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास के सबसे बड़े आंदोलन की भूमि झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों एवं झारखंड आंदोलनकारियों के साथ इतिहासकारों ने न्याय नहीं किया। इतिहास के पन्नों में वो जगह नहीं मिला, जिसके वे असली हकदार थे।
पीढ़ियों को प्रेरित करेगा गौरवशाली इतिहास!
उन्होंने कहा कि लगभग 60 सालों के त्याग, बलिदान, तपस्या और अनगिनत शहादतों के बाद झारखंड राज्य का निर्माण हुआ लेकिन, झारखंड आंदोलन एवं आंदोलनकारियों के बारे में बहुत कम लिखा और पढ़ा गया। यह हमारा दायित्व है कि अपने गौरवशाली इतिहास को हमारी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। इस स्मृति भवन निर्माण का मकसद व्यापक है। मौके पर झारखंड आंदोलन के बौद्धिक विचारकों में से एक प्रो. संजय बासु मल्लिक ने कहा कि अलग राज्य आंदोलन से जुड़े कई तथ्य, दस्तावेज एवं शोध हैं, जो आम लोगों तक सुलभता से पहुंच नहीं पाता। ऐसे में यह स्मृति भवन एक सेतु के रूप में कार्य करेगा।
आधारशिला कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग
झारखंड आंदोलनकारी स्मृति भवन निर्माण कार्य के शुभारंभ के अवसर पर कई झारखंड आंदोलनकारी एवं शिक्षाविद् मौजूद रहें जिसमें शिक्षाविद् एवं आंदोलनकारी प्रो. संजय बासु मल्लिक, हसन अंसारी, राजू महतो, पुष्कर महतो, राजेंद्र मेहता, रांची जिला परिषद अध्यक्ष एवं झारखंड के वीर सपूत स्व. वीरेंद्र भगत की पत्नी निर्मला भगत, नईम अंसारी, सागेन हांसदा, मसीहचरण पूर्ति, भरत कांशी साहू प्रमुख रुप से शामिल थे।