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Ranchi : सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातीय जनगणना पर स्थिति स्पष्ट करे हेमंत सरकार: सुदेश महतो

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रांची:

 
झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो (AJSU chief Sudesh Mahto) ने जातीय जनगणना (caste census) के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर सरकार (Jharkhand government) से स्पष्ट निर्णय लेने की बात करते हुए कहा है कि झारखंड में जातीय जनगणना वक्त और सभी तबके के समेकित विकास तथा हिस्सेदारी के लिए मौजूदा जरूरत है। जातीय जनगणना कराने में सरकार अगर दिलचस्पी दिखाए, तो पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को उनका हक एवं अधिकार सुनिश्चित किया जा सकेगा।

जातीय जनगणना से होंगे कई लाभ
सुदेश महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार पिछड़े, दलितों, आदिवासियों के हितों को लेकर अक्सर प्रतिबद्धता जाहिर करती रही है और चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दलों ने नौकरी, रोजगार एवं आरक्षण को लेकर कई वादे भी किए हैं। जातीय आंकड़े आरक्षण की सीमाएं तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इससे प्रत्येक व्यक्ति का सामाजिक, आर्थिक स्थिति का आंकलन भी हो पाता है तथा वास्तविक जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ भी मिल पाता है।

आजसू पार्टी की लंबे समय से है मांग
सुदेश कुमार महतो ने कहा कि जातीय जनगणना कराने की मांग आजसू पार्टी करते आई है। इसे लेकर विधानसभा में भी पार्टी को ओर से प्रश्न किए गए तथा मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर भी जातीय जनगणना कराने का आग्रह किया गया। 

बिहार में जातीय जनगणना पर बनी सहमति
बिहार का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने सर्वदलीय बैठक कर सभी जाति और धर्म के लोगों की गिनती कराने की सहमति बनाई है। इसपर होने वाला खर्च भी वहां की राज्य सरकार करेगी। झारखंड में जातीय जनगणना यहां की जरूरत है और इसे नकारा नहीं जा सकता। यह उचित वक्त है कि राज्य सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना कराने की सीधी पहल करे तथा झारखंड में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाने की बहुप्रतीक्षित मांग पर ईमानदार एवं निर्णायक पहल करे।