द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में बाल कैदियों के जीवन में संवारने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य के बाल सुधार गृह मे बंद बाल बंदियों की अग्निवीर और झारखंड पुलिस में बहाली होगी। इसके लिए उन्हें तैयारी कराई जाएगी। उन्हे पढ़ाई के साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आज से इसकी शुरुआत की जा रही है। इस बात की जानकारी देते हुए झारखंड बाल सुधार गृह के नोडल ऑफिसर कर्नल जेके सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि ये बच्चे वापस से अपराध की दुनिया में न लौटे इसे लेकर भारत सरकार से ओर से यह पहल की गई है। ये एक बेहतर जीवन जी सकें यहीं हमारी कौशिश है।
फिजिकल टेंनिग शुरू
झारखंड बाल सुधार गृह के नोडल ऑफिसर कर्नल जेके सिंह ने बताया कि जिले भुदा के बरमसिया स्थित बाल सुधार गृह में योग्य कैदियों की तैयारी अग्निवीर और झारखंड पुलिस के आरक्षी के पद के लिए की जा रही है। फिलहाल फिजिकल टेंनिग शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह बताया कि यह दोनों के लिए यानि की जो बच्चे सुधार गृह में हैं और जो यहां से बाहर जा चुके हैं। दोनों के लिए व्यवस्था दी गई है।
अग्निवीर बनने के लिए 17 साल से 23 साल उम्र सीमा
गौरतलब है कि अग्निवीर के लिए 17 साल से 23 साल उम्र सीमा निर्धारित है। यह मैट्रिक और इंटर पास अभ्यर्थियों के लिए है। अग्निवीर में बहाल होने के लिए आठवीं पास के पद सृजित है। इस पद का नाम ट्रेड्स मैन है। वहीं झारखंड पुलिस के आरक्षी के पद के लिए 22 फरवरी तक समय है। बाल बंदियों या फिर जो बाहर जा चुके हैं। उनकी परीक्षा की तैयारी के लिए हम ऑनलाइन पढ़ाई कराएंगे। क्वालीफाई होने के बाद उनकी फिजिकल तैयारी कराई जाएगी। यह पूरी तरह से निःशुल्क है। पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए सामान्य आहर्ता रखी गई है। जैसे पांच पेड़ लगा और उनकी देखभाल करना, जो बच्चे ड्रॉप आउट हैं, मतलब जो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। उन्हे स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना, इस तरह की कुछ आहर्ता रखी गई है।
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