द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से व्यापक पैमाने पर पुलिस पदाधिकारियों का तबादला और पदस्थापन हो रहा है। इस बीच एक रोचक जानकारी सामने आई है। दरअसल, तबादले के बाद पदस्थापन से पहले पुलिस पदाधिकारियों को एक स्पेशल इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। ये साक्षात्कार जिले के पुलिस अधीक्षक, उन पदाधिकारियों से लेते हैं जिन्हें कोई थाना अलॉट किया जाता है। इसी इंटरव्यू के आधार पर उन्हें थाना का प्रभारी बनाया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक गिरिडीह, लोहरदगा और धनबाद सहित प्रदेश के अन्य जिलों में यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
बेहतर पुलिसिंग के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया
बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया के दौरान जिले के एसपी पुलिस पदाधिकारियों से उनकी पिछली सेवा से जुड़े कार्यों, अनुभवों और सॉल्व किए गये केस के आधार पर सवाल पूछते हैं। संभवत, यह उनकी कार्यकुशलता को मापने का पैमाना है। कहा जा रहा है कि पुलिसिंग को और बेहतर बनाने, लोगों की छवि में पुलिस थानों की सकारात्मक छवि गढ़ने और किसी भी मामले के त्वरित निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
तबादले के बाद पदस्थापन से पहले पुलिस पदाधिकारियों के निम्नांकित सवाल पूछे जा रहे हैं-
1 आपने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के थानों में काम के दौरान क्या अलग पाया
2 क्या कोई ब्लाइंड केस सॉल्व किया है, यदि हां तो उसकी पूरी जानकारी दें
3 क्या आप हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये जा रहे फैसले को फॉलो करते है। क्या आप कोर्ट की गाइडलाइन की जानकारी रखते है
4 महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों में कार्रवाई कैसी होनी चाहिये। पीड़ित के साथ कैसे बातचीत करनी चाहिये
5 अगर आप ऐसी परिस्थिति का सामना करते हैं तो पहला लाइन ऑफ एक्शन क्या होगा
6 आम जनता का विश्वास कैसे जीतेंगे
7 पुलिसिंग को और बेहतर कैसे बनायेंगे
पदाधिकारियों से पूछे जा रहे हैं ये निजी सवाल
इस दौरान पुलिस पदाधिकारियों से कुछ निजी सवाल भी पूछे जाते हैं मसलन परिवार में कितने लोग हैं। आप पर परिवार के कितने लोगों की जिम्मेदारी है। क्या आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं।