द फॉलोअप डेस्कः
यूपी के झांसी कलेक्ट्रेट में बुधवार एक अजीबोगरीब घटना सामने आई जब नव-नियुक्त लेखपालों को ज्वाइनिंग लेटर बांटे जा रहे थे। इसी दौरान कारपेंटर का काम करने वाला नीरज विश्वकर्मा नाम का एक युवक लेखपाल बनी एक अपनी पत्नी रिचा सोनी विश्वकर्मा को ढूंढते हुए पहुंच गया। यहां नीरज को देखकर उसकी पत्नी रिचा ने उसे नजरंदाज कर दिया और प्रमाणपत्र लेकर वहा से चली गई। नीरज ने बताया की रिचा और वह आपस में प्रेम करते थे।
उसने बताया कि 2022 में दोनों ने ओरछा मंदिर में शादी भी की थी। इसके बाद उन्होंने झांसी के सखी के हनुमान मंदिर एक बार फिर शादी की बाद में दोनों को परिवार वालों ने अपना लिया था। दोनों साथ रहने लगे। वह कार पेंटर का काम करता था। नीरज ने अपनी सारी कमाई अपनी पत्नी को कोचिंग पढ़ाने में खर्च करने में लगा दिया। लेखपाल का रिजल्ट आते ही जनवरी 2024 उसका साथ छोड़ कर घर से चली गई और अब वह प्रेम विवाह भी स्वीकार नहीं कर रही।
रिचा ने उसे धोखा देकर उससे किनारा कर लिया। उसे उम्मीद थी जिस पत्नी की सफलता के लिए उसने इतनी मेहनत की थी और खुद पत्नी का लेखपाल का फॉर्म जिद करके भरवाया था वो अपनी पत्नी को लेखपाल का प्रमाणपत्र लेने का खुशी का पल देखना चाहता था। साथ ही उसका आरोप है कि वह कारपेंटर का कार्य करता है और उसकी पत्नी लेखपाल है, इसलिए उसने दूरी बना ली है। इसको लेकर नीरज आज तक अपनी लेखपाल पत्नी को खोज रहा है और रो रो कर गुहार कर रहा है की वह अपने घर वापस लौट आए।
मामला उस समय गरमा जब बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट में नव नियुक्त लेखपालों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे. इसमे उसकी पत्नी रिचा को भी नियुक्ति पत्र दिया जा रहा था. आरोप है कि पत्नी ने नीरज को पहचाना ही नहीं और नियुक्ति पत्र लेकर चली गई। नीरज का कहना है कि वह केवल अपनी पत्नी को घर साथ लेकर जाने के लिए आया है, लेकिन वह साथ नही गई। उसने जिलाधिकारी से भी अपनी आपबीती सुनाई लेकिन उन्होंने परिवारिक मामला बताते हुए आपसी बातचीत से मसले को निपटाने की बात कही।
कहा जा रहा है कि पांच वर्ष पूर्व प्रेमी जोड़े ने समाज और परिवार को दरकिनार कर लव मैरिज की। दोनों पति पत्नी बनकर रहने लगे। बाद में परिजनों ने दोनों को स्वीकार लिया। पति का आरोप है कि पत्नी जैसे ही लेखपाल बनी तो उसने उसे छोड़ दिया। साथ ही उसके प्रेम विवाह को ठुकरा दिया। यह व्यथा नवनियुक्त लेखपाल बनी युवती के पति ने चिल्ला-चिल्लाकर कलेक्ट्रेट परिसर में सुनाई।