द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोपों का सामना कर रहे निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे और उनके परिजनों एवं करीबी सहयोगियों के विरुद्ध एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच प्रारंभ कर दी है। शराब घोटाले की जांच के दौरान एसीबी को विनय चौबे द्वारा अवैध रूप से संपत्ति अर्जित किए जाने के संकेत मिले थे। इसके पश्चात एसीबी ने उनके और उनके परिजनों के विरुद्ध प्रारंभिक जांच (प्रिलिमनरी इंक्वायरी) के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसे सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी।
सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने गोपनीय रूप से विनय चौबे, उनकी पत्नी स्वपना संचिता, क्षिपिज त्रिवेदी एवं उनकी पत्नी प्रियंका त्रिवेदी, विनय कुमार सिंह एवं उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह, उपेंद्र शर्मा और धनंजय कुमार सिंह सहित कुल आठ व्यक्तियों की संपत्तियों की जांच शुरू की है। इन सभी पर संदेह है कि इनके माध्यम से अवैध धन का निवेश किया गया है। एसीबी को प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि विनय चौबे ने शराब घोटाले या अन्य किसी अवैध स्रोत से प्राप्त धनराशि को अपने करीबियों के नाम पर अचल संपत्ति तथा कंपनियों में निवेश किया हो सकता है। इसी क्रम में एसीबी यह जानने का प्रयास कर रही है कि किन-किन स्थानों पर, किसके नाम पर कितनी संपत्तियां दर्ज हैं। इस संबंध में जांच एजेंसी ने संबंधित रजिस्ट्री कार्यालयों से भी जानकारी मांगी है।
जांच के प्रारंभिक चरण में यह जानकारी सामने आई है कि विनय चौबे के सहयोगियों के नाम पर कुल पाँच अचल संपत्तियां दर्ज हैं, साथ ही तीन कंपनियों का भी संचालन किया जा रहा है। संपत्तियों में हुए निवेश एवं संबंधित व्यक्तियों के बीच हुए वित्तीय लेन-देन की जानकारी भी एसीबी को प्राप्त हुई है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, और आगे की कार्यवाही जारी है।