द फॉलोअप डेस्कः
पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर एक बच्ची को जन्म देने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि महिला के पति की चार माह पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद महिला को उसके ससुराल और मायके वालों ने घर से निकाल दिया। महिला की पहचान सावित्री बानरा (22) के रूम में हुई है। जो सोनुआ प्रखंड के नयागांव की रहने वाली थी। सावित्री ने बगैर किसी की मदद से 24 अप्रैल की रात में मनोहरपुर स्टेशन के पास एक बच्ची को जन्म दिया है। महिला ने खुद नाल भी काटा है।
दोनों खतरे से बाहर
बताया जा रहा है कि महिला का पति आजाद समद ओडिशा के कटक के रहने वाले थे। चार माह पहले उनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। पति की मौत के बाद सास-ससुर ने अपनी बहू को घर से निकाल दिया। इसके बाद वह अपने मायके आ गयी। मां-बाप ने भी उससे नाता तोड़ लिया। वह तीन दिनों से मनोहरपुर स्टेशन के पास रह रही थी। यहां उसने बिना किसी के सहयोग से बच्ची को जन्म दिया। फिलहाल लोगों की मदद से महिला को मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि दोनों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
ससुराल वालों ने घर से निकाला
सावित्री ने बताया कि डेढ़ साल ससुराल में रही। पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने 23 अप्रैल की रात में घर से निकाल दिया। कहा कि पति नहीं है, तो किसके भरोसे रहोगी। इसके बाद वह उत्कल एक्सप्रेस से 24 अप्रैल की सुबह मनोहरपुर स्टेशन पर उतरी। यहां से मायके गयी। मायके वालों ने भी ठुकरा दिया। 24 अप्रैल की रात में बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के समय कोई मददगार नहीं मिला। सड़क पर पड़े एक ब्लेड से बच्चे की नाल काटी। काफी देर तक मनोहरपुर स्टेशन पर पड़ी रही। लेकिन अचानक ही सब्जी व्यापारी तपेश्वर यादव की नजर पड़ी। उन्होंने स्थानीय पत्रकारों की मदद से सीएचसी में भर्ती कराया। सहिया पुष्पा मेनन और सीएचसी कर्मी रीना कुमारी ने दोनों की जांच की।