रांची
सदर अस्पताल के परिसर में आज सिकल सेल एनिमिया जांच उद्घाटन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना सरकार से ANM/GNM संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से शिष्टाचार भेंट कर स्थाईकरण की मांग रखी। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से इस बाबत कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया गया। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में ANM के लगभग 3500 पद रिक्त हैं। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 2014 के बाद ANM की स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है।
17 वर्षों से अल्पमानदेय में कार्य कर रही हैं
प्रतिनिधिमंडल में शामिल नर्सों ने बताया कि 17 वर्षों से NHM के अंतर्गत ANM अल्पमानदेय में कार्य करती आ रही हैं। इसके पहले भी पत्राचार व धरना-हड़ताल के माध्यम से सरकार के समक्ष स्थाईकरण की मांग रखी जा चुकी है। लेकिन अभी तक, सरकार के साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इस कारण अल्प मानदेय पर काम करने वाली ANM बहनों में निराशा व्याप्त है।
मंत्री ने दिया था आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अधिकतर नर्सों की उम्र सीमा भी निकलती जा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने 25 फरवरी 2023 को आश्वासन दिया था कि 6 माह के अंदर सभी की अंदर स्थाई नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके साथ ही अल्प मानदेय भोगियों से 15% एरियर भुगतान करके वापस ले लिया गया, इसकी भी मांग की गई ये जानाकारी NRHM/ ANM/GNM अनुबंध कर्मचारी संघ, प्रदेश महासचिव मीरा कुमारी की ओऱ से दी गयी है।