logo

झारखंड : बीसीसीएल की बंद खदानों को लेने में जिंदल व अडाणी समेत 50 बड़े कारोबारियों ने दिखाई रुचि

BCCL.jpg

धनबाद :
बीसीसीएल समेत काेल इंडिया की 100 से अधिक बंद खदानाें काे लेने में देश के 50 से अधिक बड़े काराेबारियाें ने रुचि दिखाई है। इन कारोबारियों में जिंदल और अडाणी का भी नाम शामिल है। इसे लेकर काेल इंडिया के प्राेजेक्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की ओर से चेयरमैन प्रमाेद अग्रवाल की अध्यक्षता में शनिवार काे सभी बिडराें के साथ ऑनलाइन बैठक की गई।बैठक में उपस्थित बिडराें ने खदान चलाने में आने वाली संभावित दिक्कताें काे प्रबंधन के समक्ष रखा,बिडराें का कहना था कि 20-30 साल से बंद अधिकतर अंडरग्राउंड माइंस जलमग्न हैं।जिसे लेकर उनके मन में कई सवाल हैं। जिसका चेयरमैन अग्रवाल ने समाधान निकालने का आश्वासन दिया। बिडराें की आशंकाओं और सुझावाें पर विचार करने के लिए काेल इंडिया एक कमेटी बनाएगी। 

20-30 साल से बंद खदानों में कोयला है या नहीं 
काफी समय से बंद खदानो में काेयला है या नहीं, अगर काेयला है ताे कितना है, काेल इंडिया द्वारा निकाले गए टेंडर में जाे डाटा दिया जा रहा है, उस पर कैसे और कितना विश्वास किया जाए, सेफ्टी प्वाइंट से खदानें कितनी सुरक्षित हैं, इस बाबत बैठक में शामिल बिल्डरो ने सवाल किए। कुछ बिडराें ने काेयला का उपयाेग करने का अधिकार देने की भी मांग रखी। बीसीसीएल समेत काेल इंडिया की अंडरग्राउंड ओपेनकास्ट माइंस का संचालन एमडीओ में किया जाना है। इसके तहत काेयला उत्खनन के लिए एक निर्धारित अवधि के लिए निजी कंपनियाें काे लीज पर दिया जाएगा।निजी कंपनी काेयले का उत्खनन करने के बाद बीसीसीएल के कहने पर उसका ऑक्शन करेगी। काेल इंडिया की अनुषंगी कंपनी काेयला उत्खनन के लिए सिर्फ माइंस देगी। कंपनी का एक भी रुपया खर्च नहीं हाेगा। लाभ का एक निश्चित हिस्सा उत्खनन करने वाली कंपनी काे मिलेगा।

मधुबन,लोयाबाद, लोहापट्टी व खरखरी जल्द निजी हाथों में
6 मई काे मुंबई में आयाेजित इंवेस्टर मीट में काेयला मंत्री प्रह्लाद जाेशी ने काेल इंडिया की 100 बंद खदानाें काे निजी सेक्टर की साझेदारी से फिर से शुरू करने की बात कही थी। इस इंवेस्टर मीट के बाद काेल इंडिया ने बीसीसीएल की पांच समेत कुल 20 खदानों काे एमडीओं माेड में संचालित करने के लिए के लिए ग्लाेबल टेंडर निकाला गया था। बीसीसीएल की पांच खदानाें में सिजुआ एरिया की लाेयाबाद समेत बराेरा का मधुबन, डब्ल्यूजे की लाेहापट्टी और गाेविंदपुर एरिया की खरखरी माइन शामिल हैं।