द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग की पहचान सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र से भी पूरे देश भर में है। यहां विदेशों से भी आकर पुलिस पदाधिकारी एवं जवान ट्रेनिंग लेते हैं। मंगलवार को 373 नवआरक्षक ने अपनी ट्रेनिंग पूरा कर दीक्षांत परेड में शामिल हुए। अब ये जवान देश सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
ऐतिहासिक बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र एवं स्कूल के रानी लक्ष्मीबाई परेड ग्राउंड में मंगलवार को दीक्षांत परेड समारोह संपन्न हुआ। समारोह में कुल 373 नवआरक्षकों ने देश सेवा की शपथ ली। भव्य पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बीएसएफ के बैंड की धुन ने पूरा माहौल देश भक्ति कर दिया। भारत माता की जय कारे के साथ कॉन्स्टेबलों ने देश की अखंडता एकता के लिए तिरंगे झंडे के नीचे शपथ लिया। देश हमें सब कुछ देता है हम भी तो कुछ देना सीखे कुछ इसी भाव के साथ 44 सप्ताह का कठिन परिश्रम, लगन, साधना के साथ बुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण कर दीक्षांत परेड में शामिल हुए। कदम से कदम ताल मिलाकर परेड में हिस्सा लिये जवानों सभी के दिलों को जीत लिया। दीक्षांत समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप में महानिरीक्षक के एस बनियाल ने सलामी ली एवं परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर हजारीबाग एवं आसपास के कई गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए और परेड का लुफ्त उठाया।
बतौर मुख्य अतिथि महानिरीक्षक के एस बनियाल ने कॉन्स्टेबलों को बधाई देते हुए कहा कि आज इस दीक्षांत परेड के बाद औपचारिक तौर पर सीमा सुरक्षा बल जो भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति है उसके सदस्य बन गए हैं। बल में कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रथम कदम रखने जा रहे हैं। उन्होंने नवआरक्षकों के माता पिता एवं परिजनों को भी बधाई देते हुए कहा कि आपने सपूतों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर देश सेवा का में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपके इस योगदान को देश कभी भुला नहीं सकता है।
44 सप्ताह का प्रशिक्षण में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, समेत कई राज्यों से जवान पहुंचे। जो प्रशिक्षण लेकर बीएसएफ का अंग बन पाए हैं। प्रशिक्षण के दौरान इन्हें शारीरिक, हथियार चलाना, विभिन्न कानून की जानकारी, अंतरराष्ट्रीय कानून की जानकारी, मानवाधिकार, आतंकवाद, उग्रवाद से निपटने का भी प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावे खेलकूद और सामाजिक गतिविधि में हिस्सा लेने की भी इन्हें प्रशिक्षण दिया गया।
जिन जवानों ने पारण परेड में हिस्सा लिया वह पूर्वी एवं पश्चिमी सीमांत प्रदेश में जाकर अपनी सेवा देंगे। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी इनकी तैनाती होगी। पश्चिमी सीमांत में पंजाब, जम्मू कश्मीर क्षेत्र आते हैं, जहां इन्हें विषम परिस्थितियों में देश की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी जाएगी। हजारीबाग प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग पाकर जवान देश की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना प्रारंभ करने जा रहे हैं, जो देश समेत हजारीबाग के लिए भी गौरव का पल है।