द फॉलोअप डेस्कः
चंपाई सरकार ने इस बात की घोषणा कर दी है कि राज्यवासियों को 125 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी। कैबिनेट की ओर से इसकी मंजूरी भी मिल गई है। लगभग 30 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन झारखंड बिजली वितरण निगम पर लगभग 110 करोड़ यूनिट अतिरिक्त बिजली का बोझ पड़ेगा। इससे बड़ी संख्या में राजस्व में कमी आयेगी।125 यूनिट बिजली मुफ्त देने पर वितरण निगम पर 2700 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। हर महीने सब्सिडी राशि 175 करोड़ रूपये राज्य सरकार की ओर से जेबीवीएनएल को दी जायेगी।
फिलहाल सब्सिडी के साथ ही उपभोक्ताओं की सिक्यूरिटी डिपोजिट पर ब्याज के रूप में 66 करोड़ रुपये और इक्विटी कैपिटल पर रिटर्न के रूप में 524 करोड़ रुपये की खर्च है। ये बिजली वितरण निगम की ओर से अलग अलग बिजली उत्पादक कंपनियों से ली जाएगी। इसके लिये विश्व बैंक के साथ साझा कार्यक्रम के तहत पावर पोर्टफोलियो प्रबंधन और मांग पूर्वानुमान उपकरण सेल निमार्ण किया जायेगा। इसके साथ ही डीवीसी के साथ हुए समझौता के तहत उपभोक्ता मोड को पीपीए मोड में बदला जायेगा। इससे हर महीने बिजली खरीद पर 29 करोड़ रूपये की कमी आयेगी।
बिल में 0.5 फीसदी की छूट की अनुमति
सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को समय पर भुगतान के लिए बिल राशि में 0.5 फीसदी की छूट की अनुमति दी जायेगी। इस व्यवस्था को पिछले साल विद्युत नियामक आयोग ने अनुमति दी थी। इन समझौतों और कार्यक्रमों को लागू करने से बिजली वितरण निगम के पास राजस्व की उपलब्धतता होगी। वहीं बिजली की उपलब्धता को भी मैनेज किया जा सकता है।