द फॉलोअप डेस्क
पिछले 12 वर्षों से सिमडेगा के कुरडेग पंचायत को अपना पंचायत सचिवालय नहीं मिल पाया है। जिस कारण पंचायत के ग्रामीणों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत से संबंधित कार्यों के लिए ग्रामीणों और पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ सरकारी कर्मियों को भी पंचायत मंडप सह कर्मचारी आवास में लगे पेड़ की छांव या किसी नीजि संस्थान का सहारा लेना पड़ रहा है। पंचायत सचिवालय के नहीं होने की वजह से पंचायत का विकास कार्य भी बाधित हो रहा है। पंचायत के लोगों को कार्य का निष्पादन करने के लिए मुखिया के आवास या अन्य नीजि संस्थान का सहारा लेना पड़ता है। प्रखंड की कुल 8 पंचायत में सिर्फ कुरडेग पंचायत के पास ही पंचायत सचिवालय नहीं है।
मुखिया उर्मिला कुजूर ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया
मुखिया ने बताया की अनेकों बार अधिकारियों को लिखित सूचना देने के बावजूद अबतक पंचायत भवन का निर्माण नहीं कराया गया। जिस कारण वो जर्जर पंचायत मंडप में कार्य करने को विवश हैं। इतना ही नहीं पंचायत मंडप को अन्य पंचायत एवं प्रखंड कार्यालय के कर्मी आवास के रूप में उपयोग करते हैं. जिस वजह से कर्मियों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। पंचायत सचिवालय के नहीं होने की वजह से गांव की सरकार सही ढंग से संचालित नहीं हो पा रही है। निर्वाचित सदस्यों को बैठने के लिए उचित स्थान नहीं मिलने पर उनमे असंतोष का भाव है।
( Report - अमन मिश्रा, सिमडेगा )
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