द फॉलोअप डेस्कः
JSSC-CGL पेपर लीक मामले में एसआइटी ने पटना, चेन्नई व रांची में छापेमारी की है। जिसके बाद कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से पूछताछ चल रही है। इनमें से पांच लोगों की संलिप्तता की जानकारी पुलिस को मिली है। इनमें से तीन या पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। वहीं छह अन्य संदिग्धों से एसआइटी की पूछताछ जारी है। इनकी संलिप्तता के साक्ष्य मिलने के बाद आगे की कार्रवाई पुलिस करेगी।
कोई भी जेएसएससी कर्मचारी नहीं है
बता दें कि जिन 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें से कोई भी जेएसएससी का कर्मचारी नहीं है। इनमें से कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने प्रश्न पत्र को वायरल करने का काम किया था। इसके अलावा अप्रत्यक्ष तरीके से ऐसा कर लाभ लेने का प्रयास किया था। वहीं दूसरी ओर इस मामले में छह अन्य संदिग्ध को भी पूछताछ के लिए लाया गया है। इस मामले में रांची के जोनल आइजी के आवासीय कार्यालय में आठ फरवरी को जेएसएससी के कनीय पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद जेएसएससी के अफसरों ने एसआईटी के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। बताया गया है कि 8 फरवरी को संबंधित पदाधिकारियों को जोनल आईजी कार्यालय बुलाया गया। जांच में सभी से सहयोग करने की बात कही गई। लेकिन, वरीय पुलिस अधिकारियों ने प्रश्न पत्र लीक करने को वालों संदिग्धों के नाम बताने के लिए दबाव बनाया। अमर्यादित व्यवहार किया गया।
कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप एसआईटी पर
आयोग के सभी पदाधिकारी और कर्मी भयभीत है। वर्तमान अध्यक्ष भी पदाधिकारियों और कर्मियों को सहयोग नहीं कर रहे है। उनकी कार्यशैली से आयोग के कर्मी निराश हैं। इधर, एसएसपी रांची ने एसआईटी की मदद के लिए 4-4 सदस्यों की टीमें बनाई है। आयोग के अधिकारियों ने एसआईटी को बताया है कि सभी प्रक्रियाएं आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होती है। परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र कहां होगा। प्रश्नों का चयन कौन विशेषज्ञ करेंगे। प्रश्न कौन से होंगे और उनके उत्तर क्या होंगे। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी आयोग के किसी भी स्तर के कर्मचारी या पदाधिकारी को नहीं होती है।
नामकुम थाना में दर्ज कराई गई है प्राथमिकी
जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे करीब 4000 छात्रों पर प्राथमिकी हुई है। छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो समेत 15 को नामजद किया गया है। कुल 4000 लोगों पर प्राथमिकी कराई गई है। प्रश्न पत्र लीक मामले में नामकुम थाने में आयोग की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी की ओर से अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें बताया गया था कि 28 जनवरी को तृतीय पाली (सामान्य ज्ञान) की परीक्षा समाप्त होने तक किसी भी केंद्र से परीक्षा सामग्रियों का सील टूटे होने या गोपनीयता भंग होने की सूचना आयोग को नहीं मिली थी। आयोग को उसी दिन दोपहर 2.32 व 2.38 बजे ई-मेल मिले थे। जिसमें प्रतियोगिता परीक्षा के समान्य ज्ञान के उत्तर विकल्प क्रमवार तरीके से 4 पृष्ठों में थे। बता दें कि 28 जनवरी को हुई परीक्षा और 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा को स्थगित करने की मांग पर छात्र जेएसएससी कार्यालय के सामने आंदोलन कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद छात्र उग्र हो गए और काफी हो हंगामा हुआ था। जेएसएससी अध्यक्ष का घेराव किए जाने के कारण इतनी बड़ी संख्या में छात्रों पर प्राथमिकी कराई गई है।
इस मामले में जेएसएसी की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी, उप सचिव संजय कुमार साह, अवर सचिव हरेंद्र किशोर राम और प्रधान आप्त सचिव संतोष कुमार ने मुख्य सचिव को पत्र भेज एसआइटी के पुलिस अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उल्लेखनीय है कि प्रश्न पत्र लीक मामले में जेएससीसी की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ने नामकुम थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा गया था कि 28 जनवरी को तृतीय पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा थी। इसी दिन दोपहर में ई-मेल के जरिये सामान्य ज्ञान परीक्षा के उत्तर विकल्प के साथ चार पेज में भेजे गये थे। मिलान करने पर प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद परीक्षा की अगली तिथि चार फरवरी तय की गई थी। बाद में परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया था।