रांची
उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में युवाओं की मौत पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सरकार की संवेदना मर चुकी है। भादो की उमस भरी गर्मी में 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ को पूरा करने में न जाने कितने बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गए, वहीं चार बच्चों की जान भी चली गई है। राज्य के युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने को मजबूर हैं, जबकि राज्य सरकार की संवेदना मर चुकी है।
आनन-फानन में भर्ती प्रक्रिया शुरू की
अमर बाउरी ने कहा कि यह राज्य सरकार का तुगलकी फरमान ही है कि पहले तो 5 वर्ष में नौकरी का वादा पूरा नहीं कर सके और जब युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा और विपक्ष का दबाव बढ़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी।
मृतकों के परिजनों मुआवजा दे सरकार
गौरतलब है कि उत्पाद विभाग की भर्ती प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों से चल रही है। जिसमें छात्रों को 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है। इस दौड़ में कई बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं, वहीं चार बच्चों की मौत भी हो चुकी है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस दौड़ में जितने भी छात्रों की मौत हुई है उनके परिजनों को अविलंब मुआवजा प्रदान करें और एक मेडिकल टीम गठित कर इस दौर में सही मानकों की प्रक्रिया को पूरा करें, उसके बाद ही दौड़ आयोजित करायी जाए।