रांची
झारखंड के शराब घोटाले में गिरफ्तार और निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डिसप्रपोर्शनट एसेट्स) का मामला भी चलाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को इस मामले में सरकार की मंजूरी मिल गई है।
गौरतलब है कि एसीबी ने विनय कुमार चौबे के साथ-साथ उनके करीबी लोगों और रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान एसीबी को कई शेल कंपनियों में किए गए निवेश के सबूत भी मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि एसीबी ने 21 मई को विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। दोनों अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं। गिरफ्तारी के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
बता दें कि पूर्व उत्पाद सचिव सह उत्पाद आयुक्त विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। दोनों अधिकारियों को गिरफ्तारी की तिथि 20 मई से निलंबित किया गया है। हालांकि निलंबन संबंधी आदेश को इस बार कार्मिक ने आईपीआरडी के माध्यम से सार्वजनक नहीं किया है। मालूम हो कि एसीबी ने लगभग 38 करोड़ के घोटाले में विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को 20 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। फिर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया। मालूम हो कि किसी भी सरकारी कर्मी के 48 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रहने की स्थिति में उन्हें निलंबित करने का प्रावधान है।