द फॉलोअप डेस्क
हजारीबाग की रामनवमी देश भर में प्रसिद्ध है। इस बार की रामनवमी के पहले पुलिस प्रशासन मुस्तैद है। इसको लेकर प्रशासन की तरफ से कई गाइडलाइन जारी किया गया है। इनमें से एक है डीजे बजाने पर प्रतिबंध। प्रशासन की तरफ से ये कहा गया कि डीजे बजाने से सांप्रदायिक उन्माद का खतरा पैदा हो सकता है।
बीजेपी ने किया है इस फैसले का विरोध
भवनाथपुर से विधायक भानु प्रताप साही ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से कहा कि अपने सरकार के अधिकारियों को बताएं, हमारे धार्मिक भावना को आहत ना करें। 17 अप्रैल को रामनवमी है। इस दिन DJ, ढोल, बजेगा ही। अखाड़ा सजेगा ही। हिम्मत है तो रोक के दिखाओ। हमारे प्रभु राम 500 साल बाद घर आये हैं। रामनवमी तो धूम धाम से मनेगा, सुन लो काम खोल के।
गौरतलब है कि हजारीबाग की रामनवमी न केवल झारखंड, बल्कि देशभर में काफी प्रसिद्ध है। हालांकि, हर वर्ष हजारीबाग की रामनवमी को लेकर विवाद होता है। गौरतलब है कि कोरोना काल में भी रामनवमी जुलूस को लेकर काफी खींचतान हुई थी। पिछले साल भी रामनवमी में जुलूस निकालने की मनाही को लेकर बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया था। सरकार जहां सांप्रदायिक तनाव का खतरा और शांति भंग की आशंका का तर्क देती है वहीं बीजेपी इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताती है।