द फॉलोअप डेस्क
आज भाजपा के आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश कार्यालय में झारखंड बजट भाषण सुना गया। इस अवसर पर प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक जेपी शर्मा ने अध्यक्षता की। इसके बाद प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक अमित मंडल ने राज्य सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नियंत्रक और महालेखापरीक्षक CAG द्वारा उठाए गए 19,132 हज़ार करोड़ के मामले का जवाब देना चाहिए। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि 1.36 लाख करोड़ पर रोने का अब कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होने झारखंड की आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि झारखंड कोयला उत्पादन में तीसरे स्थान पर है, बावजूद इसके केंद्र द्वारा झारखंड को मिलने वाला राजस्व सबसे ज्यादा 22% है। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य के जीडीपी में सेकेंडरी सेक्टर के योगदान की बात की और कहा कि इस क्षेत्र में केंद्र की योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे एयरपोर्ट, रेलवे, हाईवे और SEZ का निर्माण। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में युवाओं और किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
बजट में निराशा, योजनाओं पर सवाल
अमित मंडल ने राज्य सरकार की सात गारंटियों का भी उल्लेख किया, जिसमें से कोई भी गारंटी पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि न तो 3200 रुपए एमएसपी पर धान की खरीद हुई, न 450 रुपए में सिलिंडर मिला, न 7 किलो अनाज मिला और न ही हर जिले में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के राजस्व खर्च में 20.1% की वृद्धि का जिक्र किया, जबकि पूंजीगत खर्च मात्र 7.81% बढ़ा। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं कर पाएगी और राजस्व खर्च को पूरा करने के लिए और अधिक क़र्ज़ लेगी, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं होगा।