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बीमार महिला, बेबस परिजन; ट्रेन में इलाज के अभाव में गई जान

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द फॉलोअप डेस्कः
हावड़ा-हटिया क्रियायोग एक्सप्रेस में मंगलवार की सुबह एक मरीज के परिजन बदहवास ट्रेन में दौड़ रहे थे। चलती ट्रेन की हर बोगी में परिवार वाले चिल्ला रहे थे कोई डॉक्टर है, कोई डॉक्टर है तो मदद करो। बिल्कुल अहले सुबह की वक्त थी इसलिए लोग ठीक से समझ नहीं पा रहे थे कि हुआ क्या है। फिर परिवार वाले की चिल्लाने की आवाज आई कोई मदद करो, नहीं तो मेरे मरीज की जान चली जाएगी, कोई डॉक्टर को बुलाओ। आखिरकार रेलवे की चिकित्सकीय टीम की लेट लतीफी के कारण चलती ट्रेन में 69 वर्षीय मधु गुप्ता की मौत हो गई। बदहवास परिवार को मदद मिली भी तो ऐसे समय में जब महिला मरीज सफर में ही दम तोड़ चुकी थी। 


क्या है मामला 
दरअसल जब ट्रेन अहले सुबह मुरी स्टेशन पहुंची तो बोगी की लाइट जल रही थी, इसपर आरपीएफ ने पूछा कि लाइट क्योंक जल रही है तो परिजनों ने बताया कि वृद्ध महिला की तबीयत खराब हो गई है। इसके बाद आरपीएफ ने तुरंत रेलवे के अधिकारियों व डॉक्टरों को इसकी सूचना दी। सूचना के 45 मिनट बाद रेलवे के डॉक्टर आए। उन्होंने महिला की जांच की और एक दवा दी। वह जैसे ही दवा देकर गए उनके मुंह से झाग निकलने लगा और महिला की हालत और खराब हो गई। फिर परिजन मदद के लिए पुकारने लगे। इसके बाद दोबारा डॉक्टर आए। जिन्होंने महिला की स्थिति गंभीर बताई और उसे रांची ले जाकर अस्पताल में भर्ती कर दीजिए। लेकिन कुछ ही देर में महिला ने दम तोड़ दिया तब तक ट्रेन एक घंटा 20 मिनट खड़ी रही। सुबह छह बजे यह ट्रेन मुरी से रांची के लिए रवाना हुई। 

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