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सत्ता से नहीं हटना चाहती थीं शेख हसीना, संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हिंसा के लिए ठहराया जिम्मेदार 

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 
संयुक्त राष्ट्र ने आज बांगलादेश में हुई हिंसा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि बांगलादेश की पिछली सरकार ने सत्ता बनाए रखने के लिए 2024 में प्रदर्शनकारियों पर सुनियोजित हमले कराए और कई हत्याएं कीं, जिन्हें 'मानवता के खिलाफ अपराध' माना जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शेख हसीना की सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए अत्यधिक हिंसा का सहारा लिया, जिसके चलते सैकड़ों लोग जान गंवा बैठे।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने 1 जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच हुई घटनाओं की जांच की और पाया कि पूर्व सरकार ने हत्या, यातना, कैद और अन्य अमानवीय कृत्य किए। इन कृत्यों में शेख हसीना की सरकार, उनके अवामी लीग पार्टी के हिंसक तत्व और बांगलादेशी सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों का हाथ था। इन प्रदर्शनों की शुरुआत सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हुई थी, जिसके बाद शेख हसीना से इस्तीफे की मांग उठी। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1400 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए। अधिकांश हत्याएं बांगलादेश सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में हुईं, जिसमें बच्चों का भी समावेश था। मृतकों में 12 से 13 प्रतिशत बच्चे थे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सुरक्षा बलों ने शेख हसीना की सरकार का समर्थन किया और प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसक उपायों का सहारा लिया। इनमें महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और बच्चों के खिलाफ अत्याचार भी शामिल थे। पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने बच्चों को मारा-पीटा, उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में गिरफ्तार किया और यातना दी। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा, "पूर्व सरकार की बर्बर प्रतिक्रिया सत्ता बनाए रखने की एक सुनियोजित और समन्वित रणनीति थी, जो जन विरोध का सामना कर रही थी।" उन्होंने कहा कि इस दौरान हजारों हत्याएं, गिरफ्तारियां और यातनाएं राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा अधिकारियों के मार्गदर्शन में हुईं।


 

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